झारखंड में विश्व बैंक के प्रोजेक्ट को मिलेगी रफ्तार: वन-पर्यावरण क्लीयरेंस जल्द, सरकारी उद्यमों के लिए बनेगा रोडमैप तैयार
झारखंड में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं को वन और पर्यावरण मंजूरी मिलने से गति मिलेगी। राज्य सरकार सरकारी उद्यमों के लिए एक रोडमैप तैयार कर रही है, जिसका उद्देश्य उनकी कार्यक्षमता और लाभप्रदता को बढ़ाना है। मंजूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और उद्यमों के विकास के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

पर्यावरण मानकों को पूरा करने वाली योजनाओं के फारेस्ट क्लीयरेंस में आएगी तेजी। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में विश्व बैंक के सहयोग से चलने वाली उर्जा, उद्योग जैसी योजनाओं को फारेस्ट क्लीयरेंस और पर्यावरण स्वीकृति के काम में तेजी आएगी। विश्व बैंक के अधिकारियों ने वन एवं पर्यावरण विभाग, उर्जा विभाग, उद्योग, खनन समेत दूसरे विभागों के अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की है।
इसमें चतरा में बने पावर ग्रिड को वन भूमि में टावर लगाने के मामले पर भी चर्चा हुई। विश्व बैंक जिन योजनाओं में आर्थिक मदद दे रहा है, उनकी प्रगति में देरी के बाद यह बैठक आयोजित की गई है।
राज्य सरकार ने इसके लिए पहल करते हुए सभी विभागों को कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है। जनवरी 2026 में इस बैठक के फलाफल पर विमर्श के लिए अगली बैठक की जाएगी। केंद्र सरकार ने भी योजनाओं के लंबित रहने पर चिंता जताई है।
सरकारी क्षेत्र के उद्यमों को निवेश के लिए मिलेगा मौका
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में राज्य में निजी के साथ सरकारी उद्यम लगाए जाने की आवश्यकता बताई है। बैठक में तय किया गया है कि राज्य का उद्योग विभाग इसके लिए एक रोडमैप बनाकर केंद्र सरकार के सामने प्रस्तुत करेगा।
विश्व बैंक से आर्थिक सहायता के लिए केंद्र सरकार की अनुशंसा आवश्यक होती है। सरकारी क्षेत्र के बड़े उद्यम जैसे सेल, कोल इंडिया के अलावा भी दूसरी बड़ी कंपनियों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

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