इस राज्य की महिलाओं का वजन सबसे कम, यहां ओवर वेट की समस्या नहीं
झारखंड की महिलाओं में कम वजन की समस्या पूरे देश में सबसे अधिक है जबकि ओवर वेट की समस्या सबसे कम। 26.2% महिलाओं का बीएमआई निर्धारित मानक से कम लेकिन हृदय रोग उच्च रक्तचाप स्ट्रोक का खतरा कम। ग्रामीण क्षेत्रों में ओवर वेट की समस्या सबसे कम मेघालय के बाद दूसरा स्थान। कम वजन का कारण एनीमिया हो सकता है।

नीरज अम्बष्ठ, रांची। पूरे देश में सबसे अधिक झारखंड की महिलाओं में कम वजन की समस्या है। यहां की एक चौथाई से अधिक महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) निर्धारित मानक से कम है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि यहां की महिलाओं में ओवर वेट की समस्या मेघालय को छोड़कर अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कम है।
इससे झारखंड की महिलाओं में हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक का खतरा अन्य राज्यों की महिलाओं की तुलना में कम है। केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी ''वीमेन एंड मेन इन इंडिया-2024'' रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।
पिछले दिनों जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड की 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की 26.2 प्रतिशत महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स निर्धारित मानक 18.5 से कम है। अर्थात इतनी प्रतिशत महिलाएं लंबाई के अनुपात में निर्धारित मानक से कम वजन की हैं। दूसरी तरफ, पूरे भारत में इस आयु वर्ग की 18.7 प्रतिशत महिलाओं में ही यह समस्या है।
झारखंड सहित तीन राज्य ही ऐसे हैं जहां एक चौथाई से अधिक महिलाओं में यह समस्या है। इनमें गुजरात और बिहार सम्मिलित हैं, जहां क्रमश: 25.2 तथा 25.6 प्रतिशत महिलाओं में यह समस्या है। कम वजन की समस्या से उलट कुछ महिलाओं में ओवर वेट की भी समस्या होती है, लेकिन इस मामले में झारखंड की महिलाएं बहुत अच्छी स्थिति में हैं।
पूरे देश में मेघालय के बाद झारखंड की महिलाओं में ओवर वेट की समस्या सबसे कम है। यहां महज 11.9 प्रतिशत महिलाओं का बाडी मास इंडेक्स निर्धारित मानक 25 से अधिक है। झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की 8.6 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्रों की 21.6 प्रतिशत महिलाओं में यह समस्या है। मेघालय में सबसे कम 11.5 प्रतिशत महिलाओं में यह समस्या है।
झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में ओवर वेट की समस्या सबसे कम
झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में अधिक वजन (ओवर वेट) की समस्या देश में सबसे कम है। झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहीं 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की 8.6 प्रतिशत महिलाओं में ही यह समस्या है। जिस मेघालय राज्य की महिलाओं में ओवर वेट की समस्या झारखंड से भी कम है, वहां के ग्रामीण क्षेत्रों की 9.7 प्रतिशत महिलाओं में यह शारीरिक समस्या है, जो झारखंड से अधिक है।
क्या है बॉडी मास इंडेक्स?
बॉडी मास इंडेक्स एक मेडिकल स्क्रीनिंग टूल है जो किसी व्यक्ति के शरीर में वसा की मात्रा का अनुमान लगाने के लिए ऊंचाई और वजन के अनुपात को मापता है। इससे यह पता चलता है कि किसी व्यक्ति का वजन स्वस्थ सीमा में है या नहीं। यदि किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स 18.5 केजी/मीटर2 से कम है तो माना जाता है कि उसका वजन निर्धारित मानक से कम है।
इसी तरह, यदि किसी व्यक्ति का यह इंडेक्स 25 केजी/मीटर2 से अधिक है तो माना जाता है कि वह व्यक्ति निर्धारित मानक से अधिक वजन का है। हालांकि यह आकलन हमेशा सटीक नहीं होता।
कम वजन के लिए एनीमिया हो सकता है बड़ा कारण
विशेषज्ञों की मानें तो झारखंड की महिलाओं में कम वजन की समस्या का कारण उनमें खून की कमी हो सकता है। बताते चलें कि एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की 65.3 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं।
20 से 29 वर्ष की महिलाओं में एनीमिया की शिकायत सबसे अधिक है। ग्रामीण और आदिवासी बहुल इलाकों में ऐसी महिलाओं की तादाद सबसे ज्यादा पाई गई है।
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