'हर घर नल से जल' योजना के लिए झारखंड को मिलेंगे 2,479 करोड़, 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य
हर घर में नल से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए केंद्र सरकार ने झारखंड को मिलने वाली राशि में चार गुना की वृद्धि की है। जल जीवन मिशन के तहत अनुदान राशि को बढ़ा दिया गया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। हर घर में नल से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए केंद्र सरकार ने झारखंड को मिलने वाली राशि में चार गुना की वृद्धि की है। जल जीवन मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान राशि को बढ़ाकर 2,479.88 करोड़ रुपये कर दिया गया है। पिछले वर्ष केंद्रीय अनुदान की यह राशि 572.24 करोड़ रुपये थी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र ङ्क्षसह शेखावत ने राज्य को अनुदान में चार गुना वृद्धि को मंजूरी प्रदान करते हुए झारखंड को भरोसा दिया है कि प्रत्येक ग्रामीण घर में 2024 तक नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए राज्य को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।
जहां तक झारखंड की बात है जल जीवन मिशन को लेकर झारखंड की उपलब्धि कुछ खास उत्साहजनक नहीं है। झारखंड के 29752 गावों में रह रहे कुल 58.95 लाख ग्रामीण परिवारों में से केवल 7.72 लाख ग्रामीण परिवारों (13 प्रतिशत) को ही नल से जल की आपूर्ति हो पा रही है। 15 अगस्त 2019 को 'जल जीवन मिशनÓ के शुभारंभ के समय राज्य में 3.45 लाख ग्रामीण घरों (5.85 प्रतिशत) में ही नल जल का कनेक्शन था। पिछले 22 महीनों के दौरान झारखंड में 4.27 लाख (7.24 प्रतिशत) ग्रामीण घरों तक नए नल जल कनेक्शन पहुंचाए गए। बावजूद इसके अभी भी झारखंड राष्ट्रीय औसत 23 से काफी नीचे है। राज्य 2020-21 के दौरान केवल 2.99 लाख घरों में ही नए नल कनेक्शन उपलब्ध करा पाया। इस गति से शेष बचे 51.23 लाख घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है।
पिछले वित्तीय वर्ष केवल एक चौथाई राशि ही ले सका झारखंड
2020-21 के दौरान झारखंड को 'जल जीवन मिशन' के तहत केंद्रीय अनुदान के रूप में 572.24 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन कार्यान्वयन की धीमी गति के कारण राज्य केवल एक चौथाई 143.06 करोड़ रुपये ही निकाल पाया। कुल आवंटन का तीन चौथाई हिस्सा 429.18 करोड़ रुपये लौटाने पड़े।
जल जीवन मिशन के लिए धन की कमी नहीं
जल जीवन मिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए झारखंड के पास राशि की कोई कमी नहीं है। 2021-22 के आवंटन में चार गुना वृद्धि कर इसे 2,479.88 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा पिछले वित्त वर्ष के अंत में खर्च न हो पाई राशि और राज्य के समतुल्य अंश के रूप में 2,617.81 करोड़ रुपये की राशि को जोड़ कर राज्य के पास 'जल जीवन मिशन' से जुड़े कार्यों के लिए 2021-22 में समग्र रूप से 5,235.62 रुपये उपलब्ध हैं। इसके अलावा 15वें वित्त आयोग के तहत ग्रामीण स्थानीय निकायों-पंचायती राज संस्थाओं को जलापूर्ति एवं स्वच्छता के लिए दी जाने वाली राशि के रूप में झारखंड के पास 2021-22 में 750 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं।
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि नल जल कनेक्शन देने का काम हर गांव में शुरू कर दिया जाए ताकि राज्य 2024 तक 'हर घर जलÓ हो जाए। शेखावत ने उम्मीद जताई है कि झारखंड सरकार इस विशाल धनराशि का भरपूर उपयोग कर राज्य के प्रत्येक ग्रामीण घर में पेयजल सुविधा सुनिश्चित कर पाएगी। राज्य के ग्रामीण इलाकों में इस राशि के निवेश से निश्चित तौर पर रोजगार के व्यापक अवसर पैदा होंगे तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई तेजी और मजबूती आएगी।

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