Jharkhand Weather: झारखंड में मौसम की मार से किसान बेहाल, खेतों में सड़ गई सब्जियां,आम की फसल भी बर्बाद
रांची और आसपास के इलाकों में ओलावृष्टि और बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में पानी भरने से गोभी और पत्ता गोभी जैसी सब्जियां सड़ गई हैं वहीं आम के पेड़ों पर लगे मंजर भी झड़ गए हैं। किसान को आर्थिक नुकसान हुआ है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार 21 अप्रैल तक प्रदेश का मौसम ऐसा ही बना रहेगा।

जागरण संवाददाता, रांची। Jharkhand Weather: पिछले एक सप्ताह से रांची, खूंटी, सिमडेगा व गुमला जिले के विभिन्न प्रखंडों में ओलावृष्टि के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हो रही है। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार, मौसम 21 अप्रैल तक रांची समेत आसपास के क्षेत्रों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने और गरज के साथ वर्षा होने की संभावना है। मौसम में आए इस बदलाव की वजह से किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है।
इन इलाकों में बारिश के साथ गिरे ओले
नामकुम, बेड़ो, तोरपा, मुरहू (खूंटी), बुढ़मू, ओरमांझी, अड़की, रनिया, मांडर, सिसई समेत कांके के किसान ओलावृष्टि के साथ हुई वर्षा से परेशान हैं। वर्षा से सब्जी के खेतों में पानी जमा हो जाने के कारण हरी सब्जियां सड़ गई। खासकर गोभी व पत्ता गोभी की फसल को काफी नुकसान हुआ है, अब किसान चिंतित हैं।
किसानों की सारी जमा पूंजी खर्च
सब्जी की खेती के लिए उन्होंने जमा पूंजी लगा दी थी। कुछ किसानों ने कर्ज लेकर सब्जी की खेती की थी। अब उनके समक्ष यह समस्या है कि सब्जी की खेती से हो चुके नुकसान की भरपाई कैसे करें। वहीं दूसरी ओर, ओलावृष्टि से आम के पेड़ों पर लगे मंजर झड़ चुके हैं, जिसकी वजह से किसान निराश हैं।
किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी
बेड़ो प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले दिनों ओलावृष्टि से 17 पंचायत के किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। सब्जी की खेती कर यहां के किसान काफी समृद्ध हो रहे थे, लेकिन बेमौसम ओलावृष्टि व वर्षा से खेतों में सब्जियां सड़ रही हैं।
वहीं दूसरी ओर मनरेगा पार्क में लगे आम के पेड़ों पर लगे मंजर ओलावृष्टि से झड़ चुके हैं। इससे किसानों को हजारों रुपये का नुकसान हुआ है।
आम के पेड़ों के मंजर झड़े
बेड़ो प्रखंड स्थित ईंटा चिल्द्री गांव के किसान कालिंद्र सिंह ने बताया कि ओलावृष्टि से फसलों के साथ-साथ आम की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि लगभग एक एकड़ भूमि पर लगाए गए आम के पेड़ों के मंजर पूरी तरह झड़ चुके हैं। इससे 35-40 हजार रुपये का नुकसान हुआ है।
बेड़ों प्रखंड स्थित नगड़ी टोली के युवा किसान ने बताया कि किसान अपनी फसल को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं, लेकिन प्रकृति के आगे उनका हर प्रयास बेकार हो जाता है। गर्मी के मौसम में सब्जी की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा होती है।
किसानों को सब्जी की फसल की अच्छी कीमत मिलती है, लेकिन बेमौसम ओलावृष्टि व वर्षा से किसान कराह रहे हैं। उनकी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। पूर्व में भी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने क्षेत्र में घूम-घूमकर क्षति का आंकलन भी किया, लेकिन अब तक किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिली।

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