Jharkhand Rain: झारखंड में मानसून ने मारी एंट्री, आंधी-पानी को लेकर रेड अलर्ट जारी; जानिए अपने जिले का हाल
रांची में मानसून ने दस्तक दे दी है जिससे शहर और आसपास के इलाकों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। इससे गर्मी से राहत मिली है पर जलजमाव की समस्या भी हो रही है। मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों तक राज्य के ज्यादातर जिलों में बारिश की संभावना जताई है और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा के लिए अलर्ट भी जारी किया है।

जागरण संवाददाता, रांची। इस वर्ष संताल परगना के रास्ते 17 जून से दक्षिण पश्चिम मानसून का झारखंड में प्रवेश हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र रांची के वरीय विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि 17 जून को दक्षिण पश्चिम मानसून का झारखंड में आगमन हो गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, राजधानी रांची समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में घने बादल छाए हुए हैं। बुधवार को अहले सुबह से ही रांची व आसपास के जिलों में रुक-रुक कर वर्षा हो रही है।
जिससे गर्मी से राहत तो मिली है, लेकिन शहरी क्षेत्र में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य के अधिकांश जिलों में अगले दो-तीन दिनों तब वर्षा होने की संभावना जताई गई है।
झारखंड में संताल परगना क्षेत्र के रास्ते मानसून ने प्रवेश किया है। मौसम विभाग की ओर से अगले 24 घंटों के दौरान झमाझम वर्षा की संभावना जताई गई है।
कुछ स्थानों पर भारी वर्षा को लेकर येलो और आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया गया कि मानसून के प्रवेश के साथ ही पहले दिन राज्य के पूर्व के कई जिलों में अच्छी वर्षा की संभावना है।
अभिषेक आनंद ने बताया कि झारखंड के कई जिलों में भारी वर्षा होगी। अच्छी वर्षा के साथ मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों के लिए बिजली गिरने को लेकर अलर्ट जारी किया है।
उन्होंने बताया कि मानसून के प्रवेश के साथ बिजली गिरने की घटना भी देखने को मिलेगी। ऐसे में लोगों को सचेत रहने की आवश्यकता है। इस बार मानसून के दौरान सामान्य से अच्छी वर्षा देखने को मिलेगी।
हालांकि, वर्षा के वितरण में जिलों में कुछ असमानता भी देखने को मिल सकती है। वहीं कृषि विज्ञानी कहते हैं कि समय से मानसून का प्रवेश होने से अच्छी वर्षा होगी और किसानी को भी बल मिलेगा।
यलो और आरेंज नहीं रेड अलर्ट जारी
मानसून जहां राज्य में प्रवेश कर चुका है, वहीं राज्य के कई हिस्सों में भारी वर्षा को लेकर यलो व आरेंज नहीं बल्कि रेड अलर्ट जारी किया गया है।
18 जून को राज्य के उत्तर पूर्वी हिस्से देवघर, दुमका, गोड्डा, पाकुड़, जामताड़ा, गिरिडीह, धनबाद और साहिबगंज के अलावे निकटवर्ती मध्य भाग यानी रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गुमला, बोकारो और खूंटी में कहीं कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है।
इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं उत्तर पूर्वी हिस्से के अलावे दक्षिणी हिस्से यानी पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा और सरायकेला खरसावां और उत्तर पश्चिमी हिस्से यानी पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा में कहीं कहीं भारी वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
इन जिलों में यह स्थिति 21 जून तक देखने को मिलेगी। एक जून से 17 जून तक राज्य में कुल 31.9 मिमी वर्षा हुई है जबकि सामान्य वर्षापात 67 मिमी होना था और अब तक पूरे राज्य में 52 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र रांची में मौसम संबंधी जानकारी देते विज्ञानी अभिषेक आनंद और निदेशक बाबूराज पीपी
झारखंड में 80 प्रतिशत से अधिक खेती मानसून पर है निर्भर
झारखंड में 80 प्रतिशत से अधिक खेती मानसून पर ही निर्भर है। यदि मानसून के दौरान अच्छी वर्षा न हो, तो कई क्षेत्रों में पेयजल संकट की भी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
मौसम विज्ञान केंद्र रांची की ओर से जारी रिपोर्ट में इस वर्ष अच्छी वर्षा होनेे के संकेत हैं। राज्य में पिछले 10 वर्षों के दौरान वर्षा के जो आंकड़े है, उससे साफ हो जाता है कि इस दौरान किसी भी वर्ष सामान्य वर्षापात नहीं हुए।
हर वर्ष सामान्य से कम वर्षा रिकॉर्ड की गई। हालांकि 2013 में सामान्य वर्षा का जो आंकड़ा था, उसे पांच-पांच के अंतराल के बाद कम किया जाता रहा, लेकिन उसके बावजूद सामान्य वर्षा के आंकड़े को छू पाने में सफलता नहीं मिली।
ऐसा रहा मौसम
पिछले 24 घंटे के मौसम की बात करें तो राज्य में लगभग सभी स्थानों पर मेघगर्जन के साथ हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा हुई जबकि कहीं कहीं भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
सबसे अधिक वर्षा 73.2 मिमी धनबाद के पंचेत में हुई। सबसे अधिक अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस डाल्टेनगंज का जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 21.3 डिग्री सेल्सियस गुमला का रिकॉर्ड किया गया है।
वहीं राजधानी रांची का अधिकतम 34.5 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 24.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
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