झारखंड: CAPF में IG प्रमोट होने वाली देश की पहली आदिवासी महिला बनीं ऊषा किरण कंडुलना, रांची से है ताल्लुक
IG Usha Kiran Kandulna झारखंड के लिए भी गर्व की बात है कि यहां की एक आदिवासी महिला अधिकारी ऊषा किरण कंडुलना केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में एक ...और पढ़ें

रांची, राज्य ब्यूरो: यह झारखंड के लिए भी गर्व की बात है कि यहां की एक आदिवासी महिला अधिकारी ऊषा किरण कंडुलना केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में एक दिन पहले ही आइजी रैंक में प्रोन्नत हुई हैं।
ऊषा किरण कंडुलना पूरे देश में सीएपीएफ में इकलौती आदिवासी महिला आइजी बनी हैं। इतना ही नहीं, झारखंड से आदिवासी पुरुष व महिला अधिकारियों में भी केंद्रीय बल में आइजी रैंक में वे इकलौती हैं।
रांची के लोवाडीह की मूलनिवासी हैं ऊषा किरण
ऊषा किरण कंडुलना वर्तमान में सीआरपीएफ के कर्नाटक-केरल सेक्टर की आइजी हैं। इनके पास लक्षद्वीप का भी प्रभार है। ऊषा किरण कंडुलना झारखंड की राजधानी रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के लोवाडीह की मूलनिवासी हैं।
वे बताती हैं कि उनके पिता स्व. कमल किशोर तिग्गा नौ सेना से सेवानिवृत्त थे। पिता को देखकर ही वर्दी के प्रति उनमें रूचि बढ़ी और उन्होंने इसी उद्देश्य से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की। अपनी प्रतिभा की बदौलत वह वर्ष 1987 में सीआरपीएफ की नौकरी हासिल की और असिस्टेंट कमांडेंट बनीं।
जम्मू-कश्मीर में भी कर चुकी हैं ड्यूटी
गुवाहाटी में उल्फा उग्रवादियों के आतंक के समय राष्ट्रपति शासनकाल में पदस्थापित रहीं। इसके बाद बांग्लादेश कॉरिडोर पर तैनात रहीं। जम्मू-कश्मीर में वर्ष 1991 से 1995 तक तैनात रहीं। तब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था।
इसके बाद इनका तबादला नगालैंड हुआ, जहां दीमापुर में तैनात रहीं। यूएन मिशन पर भी एक साल के लिए वर्ष 2010 से 2011 तक रहीं, तब उनकी तैनाती लाइबेरिया में हुई थी। सीआरपीएफ में सेवा के दौरान इस महिला अधिकारी की तैनाती बंगाल व झारखंड के नक्सल क्षेत्रों में भी रही है।
इन प्रतिष्ठित मेडलों से भी हो चुकी हैं सम्मानित
आइजी ऊषा किरण कंडुलना को सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक के अलावा यूनाइटेड नेशन मेडल, विदेश सेवा मेडल व डीजी डिस्क भी मिल चुका है।

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