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    बिहार में 30 दिन की छुट्टी, तो झारखंड में क्यों नहीं? विवि शिक्षकों ने उठाए सवाल, समर वेकेशन पर अड़ा शिक्षक संघ

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 07:05 PM (IST)

    झारखंड विवि शिक्षक संघ (जुटान) ने कुलाधिपति से शिक्षकों की अवकाश तालिका को तर्क संगत बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि बिना ग्रीष्मावकाश के अवकाश त ...और पढ़ें

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    विश्वविद्यालय शिक्षकों की मांग पर विचार करे राजभवन।

    स्मार्ट व्यू- पूरी खबर, कम शब्दों में

    जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड विवि शिक्षक संघ (जुटान) ने कुलाधिपति से मांग की है कि विवि के शिक्षकों की अवकाश तालिका को तर्क संगत बनाया जाए। बिना ग्रीष्मावकाश के अवकाश तालिका स्वीकार्य नहीं होगी।

    विश्वविद्यालय शिक्षकों की भूमिका केवल कक्षा-शिक्षण तक सीमित न होकर शोध, पाठ्यक्रम अद्यतन, अकादमिक लेखन, मूल्यांकन तथा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक प्रवृत्तियों से निरंतर जुड़ाव से संबंधित है। इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए देश भर में विश्वविद्यालय शिक्षकों को, न्यायपालिका के अधिकारियों की भांति, ग्रीष्मावकाश प्रदान करने की परंपरा एवं व्यवस्था प्रचलित रही है।

    संयोजक डा कंजीव लोचन ने बताया कि यूजीसी विनियमों एवं राष्ट्रीय उच्च शिक्षा मानकों के अनुरूप विश्वविद्यालय शिक्षकों से सतत अकादमिक उन्नयन की अपेक्षा की जाती है, जिसके लिए अवकाश काल अत्यंत आवश्यक होता है।

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    लगातार शैक्षणिक एवं प्रशासनिक दायित्वों के कारण शिक्षकों पर कार्यभार अत्यधिक बढ़ गया है, जिसमें परीक्षा, मूल्यांकन, नैक, नई शिक्षा नीति -2020 से संबंधित अकादमिक कार्य, तथा विभिन्न समितियों का दायित्व शामिल है। ऐसे में ग्रीष्मावकाश का अभाव शैक्षणिक गुणवत्ता को दीर्घकाल में प्रभावित कर सकता है।

    विश्वविद्यालय शिक्षक से भेदभाव क्यों

    उन्होंने बताया कि बिहार सहित अनेक राज्यों में विश्वविद्यालय शिक्षकों के लिए 30 दिनों के ग्रीष्मावकाश का स्पष्ट प्रविधान अवकाश तालिका में विद्यमान है, जिससे अंतर-राज्यीय असमानता उत्पन्न हो रही है। उन्होंने बताया कि कुछ वर्षों से झारखंड राज्य के विश्वविद्यालय शिक्षक निरंतर ग्रीष्मावकाश से वंचित किए जा रहे हैं, जो शिक्षकों शैक्षणिक उत्कृष्टता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।

    बिहार राज्य की तर्ज पर झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों की अवकाश तालिका में 30 दिनों के ग्रीष्मावकाश का स्पष्ट एवं नियमित प्रावधान किया जाए, जिससे शिक्षकों को शैक्षणिक उन्नयन के लिए आवश्यक समय मिल सके और राज्य की उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुदृढ़ हो।

    बिहार में अवकाश तो यहां क्यों नहीं

    कुलाधिपित से आग्रह किया गया है कि अवकाश तालिका के साथ-साथ वर्गों के नियमित संचालन तथा परीक्षाओं और उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन, सेमिनार, यूथ फेस्टिवल, आदि के लिए राज्य के विवि के लिए एकेडमिक कैलेंडर तय किए जाएं जिस प्रक्रिया में शिक्षक प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया जाए।

    इधर, बिहार ने 2026 की अवकाश तालिका जारी कर दी है। इसमें रविवार सहित अवकाश 59, रविवार छोड़कर 52, ग्रीष्मावकाश केवल शिक्षकों के लिए 30 दिन-23 मई से 21 जून तक है।

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