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    झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी कौंसिल गठित, सीएम हेमंत सोरेन होंगे पदेन अध्‍यक्ष

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Wed, 23 Jun 2021 05:34 PM (IST)

    CM Hemant Soren Jharkhand News झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी कौंसिल गठित कर दी गई है। मुख्यमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होंगे। मंत्री चंपाई सोरेन उपाध्यक्ष होंगे। मनोनीत सदस्यों में पूर्वी सिंहभूम के विश्वनाथ सिंह सरदार और अनगड़ा रांची के जमल मुंडा भी शामिल हैं।

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    CM Hemant Soren, Jharkhand News झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन।

    रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। आदिवासियों की मिनी असेंबली जनजातीय परामर्शदातृ पर्षद (ट्राइबल एडवाइजरी कौंसिल) का गठन कर लिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसके पदेन अध्यक्ष बनाए गए हैं। मंगलवार को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी की। पर्षद को तत्काल प्रभावी किया गया है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग (अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को छोड़कर) के मंत्री चंपाई सोरेन कौंसिल के पदेन उपाध्यक्ष होंगे।

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    15 विधायकों को कौंसिल का सदस्य बनाया गया है, जबकि दो मनोनीत सदस्य नियुक्ति किए गए हैं। सदस्यों में विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा, बाबूलाल मरांडी, बंधु तिर्की, सीता सोरेन, दीपक बिरूआ, चमरा लिंडा, कोचे मुंडा, भूषण तिर्की, सुखराम उरांव, दशरथ गगराई, विकास कुमार मुंडा, नमन विक्सल कोनगाड़ी, राजेश कच्छप और सोनाराम सिंकू शामिल हैं। अनुसूचित जनजाति से मनोनीत सदस्यों में बोड़ाम, पटमदा, पूर्वी सिंहभूम जिले के विश्वनाथ सिंह सरदार और चिलदाग ग्राम, अनगड़ा, रांची जिले के जमल मुंडा शामिल हैं।

    विभागीय सचिव अथवा सचिव कौंसिल के सचिव होंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी स्वीकृति दी है। कौंसिल का कार्य संचालन नई नियमावली के अनुरूप होगा। गौरतलब है कि पूर्व में कौंसिल के गठन की स्वीकृति के लिए राजभवन की मंजूरी आवश्यक थी। नई नियमावली में गठन का अधिकार मुख्यमंत्री को दिया गया है। राज्य सरकार ने पूर्व में दो बार कौंसिल के गठन के लिए सदस्यों की सूची राजभवन को प्रेषित की थी, लेकिन इस पर निर्णय नहीं हो पाया।

    भाजपा को आपत्ति, बाबूलाल मरांडी का नाम नीचे रखना अपमान

    भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने जनजातीय परामर्शदातृ समिति (टीएसी) के गठन पर कहा कि राज्य सरकार ने आदिवासी अधिकारों के साथ छेड़छाड़ करने के साथ-साथ बाबूलाल मरांडी का अपमान किया है। टीएसी के गठन से संबंधित अधिसूचना में पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को सूची में पांचवें स्थान पर रखकर उनका अपमान किया गया है। एक तरफ टीएसी के गठन में राज्यपाल को प्राप्त संवैधानिक अधिकारों का हनन किया गया, वहीं टीएसी गठन करने में भाजपा विधायक दल नेता का अपमान किया गया।

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