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    झारखंड में नए सिरे से तैयार हो रही टेक्सटाइल नीति, पुरानी की अवधि समाप्त

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 06:00 AM (IST)

    झारखंड सरकार एक नई कपड़ा नीति लाने की तैयारी में है क्योंकि पुरानी नीति की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। नई नीति का उद्देश्य राज्य में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना और रोजगार के अवसर बढ़ाना है। सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

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    झारखंड औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत नई टेक्सटाइल नीति बनाने की तैयारी

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत तैयार टेक्सटाइल नीति की अवधि समाप्त होने के बाद नए सिरे से नीति बनाने की योजना पर काम चल रहा है। नई नीति के साथ ही कुछ और कंपनियों के ब्रांच झारखंड में खुल सकते हैं।

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    हालांकि, अभी तक जो देखने को मिला है उसके अनुसार पुरानी कंपनियों के ही नए ब्रांच खुलने की संभावना प्रबल है। इससे राज्य सरकार को कोई ठोस फायदा नहीं होता है, कंपनियों की कमाई जरूर बढ़ जाती है। सरकार चाह रही है कि नई कंपनियों के माध्यम से ही विकास कार्य किए जाएं। पूरे प्रकरण पर चैंबर आफ कामर्स ने मुख्यमंत्री और उद्योग सचिव को भी पत्र लिखा है।

    झारखंड में तैयार उद्योग नीति की अवधि समाप्त हो गई है। इस कारण से कोई नया उद्योग इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर रहा है। सरकार नए सिरे से नीति बनाने की तैयारियों में जुटी है और इन तैयारियों का असर धीरे-धीरे देखने को मिलेगा। दूसरे राज्यों से बेहतर नीति बनने पर ही व्यवसायी वर्ग आकर्षित होगा और झारखंड में निवेश होता दिखेगा।

    वर्तमान में झारखंड से बेहतर नीति बनाकर दूसरे राज्य निवेश को आकर्षित करने में जुटे हैं। चैंबर आफ कामर्स के प्रतिनिधियों ने बेहतर नीति वाले राज्यों की वकालत की है। इसके लिए अधिक से अधिक संख्या में टेक्सटाइल पार्क की भी जरूरत है।

    गुजरात में हैं सौ से अधिक इकाइयां

    गुजरात में विभिन्न कपड़ा कंपनियों की सौ से अधिक इकाइयां कार्यरत हैं। इनके माध्यम से आठ से दस हजार करोड़ रुपये के करीब का निवेश राज्य में हर वर्ष हो रहा है। हजारों की संख्या में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं तो लोगों के घरों तक सरकारी योजना का लाभ पहुंच रहा है। यहां मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और पावर सब्सिडी नीति से निवेश स्थिर।

    ओडिशा में चार हजार करोड़ का निवेश

    ओडिशा में नई टेक्सटाइल एंड एपेरल पालिसी के तहत हस्तकरघा, सिल्क आदि की इकाइयों के माध्यम से हाल के दिनों में लगभग चार हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

    निवेशकों को यहां की नीति पसंद आ रही है। राज्य में 17 इकाइयों और पार्क की स्थापना हो चुकी है। इसके माध्यम से लगभग दस हजार लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। इस राज्य में विदेशी निवेश भी बढ़ा है।

    तमिलनाडु है सबसे बड़ा परिधान निर्यातक राज्य

    अपनी नीति की बदौलत तमिलनाडु देश का सबसे बड़ा परिधान निर्यातक राज्य बन गया है। यहां स्पिनिंग, रेडीमेड, मेगा टेक्सटाइल पार्क आदि क्षेत्रों में लगभग दो हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

    यह देश का सबसे बड़ा परिधान निर्यातक राज्य बन चुका है। पावर लूम, सिल्क, रेडीमेड आदि वस्त्रों की दर्जनों इकाइयां इस राज्य में कार्यरत हैं। राज्य सरकार ने हाल में ही नौ मेगा टेक्सटाइल पार्कों के निर्माण की घोषणा की है।

    उत्तर प्रदेश में कपड़ा उद्योग को ताकत दे रही पीएम की योजना

    देश के राज्यों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बनी एक जिला, एक उत्पाद योजना का लाभ सर्वाधिक उत्तर प्रदेश उठा रहा है। प्रधानमंत्री की इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश में टेक्सटाइल पार्क, रेडीमेड, काटन के कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है।