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    Indian Railway: कोहरे के नाम पर फिर बंद होगी झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस,हाजीपुर जोन ने जारी की अधिसूचना

    By Sachidanand Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Wed, 29 Oct 2025 05:42 PM (IST)

    झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस का परिचालन 1 दिसंबर से 28 फरवरी तक कोहरे के कारण बंद रहेगा। हाजीपुर जोन ने यह फैसला लिया है, जिससे पलामू प्रमंडल के यात्रियों को दिल्ली जाने में परेशानी होगी। यह ट्रेन गरीबों और श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन हर साल कोहरे के नाम पर इसे रद कर दिया जाता है, जिससे यात्रियों में नाराजगी है। कोयला ढुलाई अधिक होने के बावजूद यात्री सुविधाओं में कमी है।

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    1 दिसंबर से 28 फरवरी तक स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस को रद कर दिया जाएगा।


    जागरण संवाददाता,मेदिनीनगर (पलामू) : हटिया से आनंद विहार (दिल्ली) के बीच चलने वाली झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस का परिचालन एक बार फिर बंद कर दिया गया है।

    पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर मुख्यालय की ओर से कोहरे के प्रभाव का हवाला देते हुए कुल 28 ट्रेनों का परिचालन एक दिसंबर से 28 फरवरी तक रोक दिया गया है।

    इसमें पलामू प्रमंडल की लाइफलाइन झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस शामिल है। झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस लातेहार, पलामू और गढ़वा जिलों को दिल्ली से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण ट्रेन है।

    इसे पलामू इलाके के गरीब और श्रमिक वर्ग का “हमसफर” कहा जाता है। सोमवार, मंगलवार और गुरुवार को यह ट्रेन पलामू होकर आनंद विहार जाती है। बड़ी संख्या में मजदूर, छात्र और आम यात्री इसी ट्रेन से दिल्ली-एनसीआर की यात्रा करते हैं।

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    हर साल होता है कोहरे का बहाना, यात्रियों की परेशानी वही

    पिछले कुछ वर्षों से हर सर्दी में इस ट्रेन को कोहरे का कारण बताकर रद कर दिया जाता है। वर्ष 2024 में भी यही स्थिति बनी थी। तब पलामू सांसद विष्णुदयाल राम के हस्तक्षेप के बाद झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस का परिचालन पुनः शुरू कराया गया था।

    इस बार भी यात्रियों में नाराजगी देखी जा रही है। रेल यात्री हर्ष अग्रवाल ने बताया “हर साल झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस को बंद कर देना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह गरीबों की ट्रेन है, जिससे सस्ते में लोग दिल्ली तक की यात्रा कर पाते हैं। लेकिन यात्रियों की परेशानी पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।”

    कोयला ढुलाई में आगे, यात्री सुविधा में पीछे

    पलामू के यात्रियों का कहना है कि जिस अनुपात में इस इलाके से कोयला व अन्य सामान की ढुलाई की जाती है, उसी अनुपात में यात्री सुविधा नहीं दी जाती। पलामू से दिल्ली के लिए फिलहाल राजधानी एक्सप्रेस और गरीब रथ जैसी सीमित ट्रेनें ही उपलब्ध हैं।

    इससे न सिर्फ किराया बढ़ता है, बल्कि श्रमिक और निम्न आय वर्ग के यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ता है। रेलवे के इस फैसले से एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या हर साल “कोहरे” का बहाना बनाकर पलामू इलाके की रेल सुविधाओं से समझौता किया जाएगा?