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    नियम सम्मत है पूर्व DGP का हटाया जाना, पैनल पर विचार करे UPSC; आयोग के नोटिस पर हेमंत सरकार का जवाब

    Updated: Tue, 03 Dec 2024 07:06 PM (IST)

    झारखंड सरकार ने पूर्व डीजीपी अजय कुमार सिंह को हटाने के मामले में यूपीएससी के नोटिस का जवाब दिया है। सरकार ने कहा है कि उनका हटाया जाना नियम सम्मत था। सरकार ने यूपीएससी से भेजे गए आईपीएस अधिकारियों के पैनल पर विचार करने को कहा है। झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता को हटाकर पूर्व डीजीपी अजय कुमार सिंह को फिर से डीजीपी बनाया गया था।

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    नियम सम्मत है पूर्व DGP का हटाया जाना, पैनल पर विचार करे UPSC

    राज्य ब्यूरो, रांची। डीजीपी के पैनल पर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की आपत्ति का राज्य सरकार ने जवाब भेज दिया है। राज्य सरकार ने यूपीएससी के नोटिस के जवाब में कहा है कि पूर्व डीजीपी अजय कुमार सिंह का हटाया जाना नियम सम्मत था। सरकार ने भेजे गए आईपीएस अधिकारियों के पैनल पर विचार करने के लिए संघ से कहा है। राज्य सरकार की ओर से संघ को नया कोई प्रस्ताव नहीं गया है।

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    पूर्व में भेजे गए आईपीएस अधिकारियों के पैनल पर ही जवाब भेजा गया है, जबकि इस बीच भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता को हटाकर पूर्व डीजीपी अजय कुमार सिंह को ही फिर से डीजीपी के पद पर बैठाया गया था।

    शपथ लेते ही हेमंत ने दोहराया अपना पुराना आदेश

    मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही हेमंत सोरेन ने अपने पुराने आदेश को दोहराया और अजय कुमार सिंह को हटाकर अनुराग गुप्ता को फिर से प्रभारी डीजीपी बना दिया है।

    डीजीपी के पद पर नियमित पदस्थापन को लेकर यूपीएससी को भेजे गए आईपीएस अधिकारियों के पैनल पर आयोग ने सवाल उठाया था। दो साल के भीतर ही झारखंड के नियमित डीजीपी अजय कुमार सिंह को हटाकर गत 26 जुलाई को अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी बनाए जाने के मामले पर आयोग ने सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था।

    पूछा था कि आखिर किस परिस्थिति में 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को डीजीपी के पद से हटाया गया था। प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल रखने संबंधित आदेश जारी किया था। अजय कुमार सिंह को महज डेढ़ साल के भीतर ही क्यों हटाया गया। अब यूपीएससी राज्य सरकार के जवाब की समीक्षा करेगा।

    इधर, झारखंड में प्रभारी डीजीपी बनाए जाने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में भी अवमानना वाद चल रहा है। अदालत से मुख्य सचिव व प्रभारी डीजीपी को नोटिस भेजकर उनका जवाब तलब किया था। दोनों ही अधिकारियों का जवाब सर्वोच्च न्यायालय में जा चुका है। अब अदालत में उनके जवाब की समीक्षा होगी।

    भेजे गए नए पैनल में फिर भेजा था अजय कुमार सिंह का नाम

    राज्य सरकार ने नियमित डीजीपी के लिए आइपीएस अधिकारियों के नामों का जो पैनल भेजा, उसमें एक बार फिर अजय कुमार सिंह का नाम भेजा था। झारखंड में नियमित डीजीपी के लिए यूपीएससी को चार आइपीएस अधिकारियों के नाम पैनल में भेजे थे। इनमें 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह, 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिल पाल्टा व अनुराग गुप्ता तथा 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत सिंह का नाम शामिल है।

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