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    राष्ट्रपति चुनाव से ज्यादा फीस लगेगा झारखंड बार काउंसिल के चुनाव में, नामांकन फीस निर्धारण पर जताई आपत्ति

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 11:01 PM (IST)

    झारखंड स्टेट बार काउंसिल का चुनाव को लेकर बीसीआइ की ओर से तैयारी प्रारंभ कर दी गई। बार काउंसिल के 25 सदस्यों के चुनाव के लिए कुल 30 हजार अधिवक्ता अपने मतों का प्रयोग करते हैं। इस बार चुनाव में नामांकन फीस के निर्धारण को लेकर आपत्ति जताई जा रही है। इस बार बीसीआइ ने नामांकन फीस 1.25 लाख रुपये तय की है।

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    स्टेट बार काउंसिल के चुनाव में नामांकन फीस निर्धारण पर जताई आपत्ति।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड स्टेट बार काउंसिल का चुनाव 31 जनवरी संपन्न कराया जाना है। इसको लेकर बीसीआइ की ओर से तैयारी प्रारंभ कर दी गई।

    बार काउंसिल के 25 सदस्यों के चुनाव के लिए कुल 30 हजार अधिवक्ता अपने मतों का प्रयोग करते हैं। इस बार चुनाव में नामांकन फीस के निर्धारण को लेकर आपत्ति जताई जा रही है।

    इस बार बीसीआइ ने नामांकन फीस 1.25 लाख रुपये तय की है। पहले नामांकन फीस मात्र दस हजार रुपये होती थी। पिछले चुनाव में करीब 150 से अधिक उम्मीदवार मैदान में थे।

    लेकिन फीस बढ़ने के कारण कम अधिवक्ता ही मैदान में रह जाएंगे। बार काउंसिल के वर्तमान सदस्य संजय कुमार विद्रोही ने नामांकन फीस पर आपत्ति जताई है।

    उन्होंने कहा कि ऐसा करना उचित नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति, लोकसभा और विधानसभा सदस्य के चुनाव के लिए इतनी बड़ी रकम नामांकन के लिए नहीं ली जाती है।

    कहा कि कहीं यह लोगों को चुनाव से दूर करने के लिए ऐसा तो नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि चुनाव की तिथि जल्द निर्धारित करने के लिए स्टेट बार काउंसिल की आमसभा की बैठक बुलाई जानी है। आमसभा की बैठक में भी मुद्दे पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।

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    चुनाव में 50-60 लाख रुपये खर्च

    झारखंड स्टेट बार काउंसिल के 25 सदस्यों का चुनाव राज्य के सभी अधिवक्ता करते हैं। इसके लिए सभी जिला बार संघों में चुनाव कराया जाता है। जिसमें करीब दो सौ से तीन व्यक्तियों को लगाया जाता है।

    इसके अलावा रिटर्निंग अफसर और आब्जर्वर की नियुक्ति होती है, जो पूरे राज्य का भ्रमण करते हैं। एक माह तक चलने वाले मतगणना के लिए पटना विधानसभा से एक टीम मंगाई जाती है।

    ऐसे में पूरे चुनाव के दौरान करीब 50 से 60 लाख रुपये का खर्च आता है। ऐसे में बीसीआइ की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर नामांकन फीस में बढ़ोतरी की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने नए अधिवक्ताओं के पंजीयन के लिए 16 हजार की बजाय मात्र 600 रुपये लेने का निर्देश दिया है।

    वोटर लिस्ट तैयार, 30 हजार मतदाता

    स्टेट बार काउंसिल के वर्तमान कमेटी का कार्यकाल वर्ष 2023 तक था। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अधिवक्ताओं के सत्यापन का कार्य प्रारंभ कर दिया।

    इसके लिए सभी बार काउंसिल को डेढ़ साल का समय दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अधिवक्ताओं की डिग्री सहित प्रैक्टिस करने की जगह का सत्यापन कराया गया।

    स्टेट बार काउंसिल ने सत्यापन कार्य पूरा कर लिया है। पूर्व में बार काउंसिल की ओर से मतदाता सूची जारी कर दी गई थी।

    इसमें करीब 30 हजार से ज्यादा अधिवक्ताओं का नाम शामिल है। बार काउंसिल के वर्तमान चेयरमैन राजेंद्र कृष्ण ने कहा कि बीसीआइ के निर्देश के तहत ही चुनाव प्रक्रिया अपनाई जा रही है।