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    Jharkhand मंत्री-विधायक सरकारी विद्यालयों की विशेष अभिभावक शिक्षक बैठक में लें भाग, जनप्रतिनिधियों से मुख्यमंत्री ने की अपील

    By Neeraj Ambastha Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Sat, 13 Dec 2025 06:42 PM (IST)

    झारखंड के सरकारी विद्यालयों में 19 से 24 दिसंबर तक विशेष अभिभावक शिक्षक बैठक आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंत्रियों, सांसदों और विधायको ...और पढ़ें

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    राज्य के सरकारी विद्यालयों में विशेष अभिभावक शिक्षक बैठक (पीटीएम) 19 से 24 दिसंबर तक चार चरणों में आयोजित की जाएगी।

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य के सरकारी विद्यालयों में विशेष अभिभावक शिक्षक बैठक (पीटीएम) 19 से 24 दिसंबर तक चार चरणों में आयोजित की जाएगी। इनमें 960 विद्यालयों में जनप्रतिनिधि और राज्य व जिला स्तरीय पदाधिकारी विशेष रूप से सम्मिलित होकर अभिभावकों एवं शिक्षकों को प्रोत्साहित करेंगे।

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    इनमें परीक्ष्रा परिणाम एवं अन्य मानकों में उच्च प्रदर्शन करनेवाले 480 विद्यालय तथा इतने ही निम्न प्रदर्शन करनेवाले विद्यालय सम्मिलित हैं। 24 दिसंबर को चयनित विद्यालयों में जनप्रतिनिधि सम्मिलित होंगे।

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी मंत्रियों, सांसदों एवं विधायकों को पत्र लिखकर इस बैठक में सम्मिलित होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए कृत संकल्प है।

    राज्य सरकार की ओर से शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए अनेक प्रयास जैसे बाल देय सुविधाएं (पोशाक, स्कूल किट, साइकिल आदि), मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय एवं आदर्श विद्यालय की स्थापना, शिक्षक नियुक्ति, आइसीटी एवं स्मार्ट क्लास, समेकित गणित एवं विज्ञान लैब का अधिष्ठापन, व्यवसायिक शिक्षा का संचालन, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 175 अतिरिक्त नामांकन की व्यवस्था, 72 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में राज्य योजना से अकादमिक भवन एवं छात्रावास के निर्माण आदि मुख्य है।

    इसके अतिरिक्त मध्याह्न भोजन बनानेवाली रसोइया-सह-सहायिका को 10 माह के जगह 12 माह के मानदेय की व्यवस्था की गई है। कक्षा एक से आठ के बच्चों को प्रत्येक सप्ताह के बुधवार को रागी का हलवा लड्डू का प्रविधान किया गया है।

    नेतरहाट के तर्ज पर अन्य प्रमंडलों में भी होंगे आवासीय विद्यालय

    साथ ही नेतरहाट विद्यालय के तर्ज पर अन्य प्रमंडलों में आवासीय विद्यालय की व्यवस्था भी की जा रही है। इन सभी प्रयासों से शैक्षिक व्यवस्था में सुधार हुई है, लेकिन गुणवत्त शिक्षा के प्रति सामुदायिक नजरिया एवं स्वामित्व में बढ़ोतरी एक चुनौती है।

    मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लोगों में सरकारी विद्यालयों के प्रति सकारात्मक जागरूकता बढ़ी है।

    स्थानीय समुदाय एवं विद्यालय के बीच निरंतर संवाद होता रहे , इसके तहत बड़े पैमाने पर उनकी पहल की आवश्यकता है ताकि सभी स्तर पर समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

    मंत्रियों, सांसदों एवं विधायकों को अपने क्षेत्र के विद्यालय एवं उनके पोषक क्षेत्रों से भली-भांति परिचित होने का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें 24 दिसंबर को चिह्नित विद्यालयों में होनेवाली अभिभावक शिक्षक बैठक में छात्रों की नियमित उपस्थिति, बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धि, मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट का परीक्षाफल, विद्यालयों में शैक्षणिक अनुशासन एवं स्वच्छता आदि पर माता-पिता एवं अभिभावक के साथ विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण से समुदाय को अवगत कराने की अपील की है।

    उन्होंने कम से कम एक उच्च प्रदर्शन करने वाले विद्यालय एवं एक निम्न प्रदर्शन करनेवाले विद्यालय में होनेवाली बैठक मेें जरूर सम्मिलित होने का अनुरोध किया है।

    मुख्य सचिव ने भी सभी उपायुक्तों को लिखा पत्र

    इधर, राज्य के मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने भी सभी उपायुक्तों को पत्र लिखकर चार चरणों में आयोजित होनेवाली विशेष अभिभावक शिक्षक बैठक को सफल बनाने के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

    उनके अनुसार, 19 दिसंबर को विशेष रूप से चयनित विद्यालयों के अलावा अन्य विद्यालयों में बैठक होगी। 22 दिसंबर को होनेवाली बैठक में जिला स्तरीय शिक्षा विभाग के पदाधिकारी की उपस्थिति में विद्यालयों में बैठक होगी।

    23 दिसंबर को जिला स्तरीय प्रशासनिक पदाधिकारियों की उपस्थिति तथा 24 दिसंबर को मंत्री, सांसद तथा विधायक की उपस्थिति में बैठक होगी।