Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand Assembly: केंद्र ने की छात्रवृति राशि में कटौती, सरकार के जवाब से भाजपा बैकफुट पर

    By Pradeep Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 10:30 PM (IST)

    झारखंड विधानसभा में छात्रवृत्ति राशि में केंद्र सरकार द्वारा की गई कटौती का मुद्दा गरमाया। सरकार के जवाब के बाद भाजपा बैकफुट पर नजर आई। बहस छात्रवृत्त ...और पढ़ें

    Hero Image

    सदन में विधायकों से व्यवस्था बहाल रखने की अपील करते विधानसभा अध्यक्ष।

    राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा में पिछड़े वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति की राशि मिलने में हो रहे विलंब को लेकर सोमवार को सदन की शुरुआत से ही भाजपा एवं आजसू के विधायक हमलावर दिख रहे थे। विपक्ष ने इस विषय पर सरकार को घेरने की रणनीति पहले बनाई थी। लेकिन सरकार के उत्तर के बाद नेता प्रतिपक्ष एवं अन्य विधायकों को कोई जवाब नहीं सूझ रहा रहा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकार ने जब वर्षवार केंद्र सरकार के द्वारा छात्रवृत्ति की राशि में हो रही कटौती को रखा एवं वित्तीय वर्ष 2025 - 2026 में 370 करोड़ की मांग के विरुद्ध शून्य राशि प्राप्त होने की बात सदन के सामने रखी तो विरोध करने वाले विपक्षी विधायक बैकफुट पर आ गए। ऐसा लगा जैसे विपक्षी नेताओं ने होमवर्क सही तरीके से नहीं कर रखा था। छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान का विषय अब केंद्र सरकार के हवाले है।

    कल्याण मंत्री ने भी छात्रवृत्ति नहीं मिलने के लिए केंद्र को ठहराया जिम्मेदार

     मंत्री सुदिव्य कुमार की तरह कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने भी राज्य के एससी, एसटी और ओबीसी विद्यार्थियों के लंबित छात्रवृत्ति के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्री मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में केंद्रांश की राशि जो राशि राज्य को मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है।

    उनके अनुसार, वर्ष 2023-24 में 271.37 करोड़ की मांग राज्य सरकार ने की थी, जिसमें से पोस्ट मैट्रिक के लिए बीसी कैटेगरी में मात्र 77.21 करोड़ रुपये ही मिला। इसी तरह वर्ष 2024-25 में जरूरत 254 करोड़ रुपये की थी, जिनमें 33.77 करोड़ रुपये ही मिले। वर्ष 2025-26 में 370 करोड़ की जरूरत है और इसमें एक भी पैसा अब तक नहीं मिला है।

    इसी तरह प्री मैट्रिक की बात करें तो वर्ष 2023-24 में 67 करोड़ की जगह 07 करोड़ रुपये ही मिला। वहीं वर्ष 2024-25 में 66 करोड़ के स्थान पर 12 करोड़ रुपये ही मिला। वर्ष 2025-26 में 45 करोड़ रुपये की जरूरत है, लेकिन अभी तक चार करोड़ रुपये ही मिले हैं। बताते चलें कि मंत्री सुदिव्य कुमार ने सरकार के जवाब में यही आंकड़ा सदन में रखा। उन्होंने कहा कि उनके पास इसका पूरा दस्तावेज है।

    हर न्यायोचित और विधिसम्मत मांग पर विचार होगा : दीपिका

    ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने सोमवार को रांची में प्रदर्शन कर रहे मनरेगा कर्मियों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं और चिंताओं को प्रत्यक्ष रूप से सुना। भीड़ में मौजूद सैकड़ों मनरेगा कर्मियों ने ग्रेड पे निर्धारण, नियमितीकरण, सामाजिक सुरक्षा, सेवा सुरक्षा नीति और बर्खास्तगी मामलों की पारदर्शी सुनवाई हेतु अपीलीय प्राधिकार की स्थापना जैसी अपनी प्रमुख मांगों को विस्तार से रखा।

    मंत्री ने कर्मियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी हर न्यायोचित और विधिसम्मत मांग पर व्यापक और संवेदनशील समीक्षा के बाद सरकार जल्द ही ठोस, सकारात्मक और न्यायसंगत निर्णय लेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार मनरेगा कर्मियों के सम्मान, सुरक्षा, अधिकार और न्याय को सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता और सक्रियता के साथ कार्य कर रही है।