झारखंड में NTPC मुआवजा वितरण में घोटाला, ईडी जांच के लिए तैयार; हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर दी जानकारी
Jharkhand NTPC Scam हजारीबाग में एनटीपीसी जमीन अधिग्रहण में तीन हजार करोड़ के मुआवजा घोटाला मामले में ईडी की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया गया है। ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा अपने शपथ पत्र में कहा है कि प्रथम दृष्टया आरोप सही प्रतीत होता है इसलिए ईडी इस मामले की जांच करने को तैयार है।

राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड के हजारीबाग में एनटीपीसी जमीन अधिग्रहण में तीन हजार करोड़ के मुआवजा घोटाला मामले में ईडी की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया गया है।
ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा अपने शपथ पत्र में कहा है कि प्रथम दृष्टया आरोप सही प्रतीत होता है, इसलिए ईडी इस मामले की जांच करने को तैयार है।
इस संबंध में मंटू सोनी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने ईडी, सीबीआई और राज्य सरकार से जवाब मांगा था।
शपथ पत्र में क्या कहा गया
ईडी ने अपने शपथ पत्र में कहा है कि एनटीपीसी के भूमि घोटाले की जांच के लिए पूर्व IAS देबाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में SIT का गठन किया गया था। इनकी जांच रिपोर्ट को कभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
केरेडारी प्रखंड के हल्का कर्मचारी की शिकायत के आधार पर केरेडारी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया गया है।
हजारीबाग में सरकारी अभिलेखों में फर्जीवाड़ा कर एनटीपीसी से धोखाधड़ी की गई। इस मामले में प्रारंभिक जांच के लिए आवश्यक कदम शुरू कर दिए गए हैं।
क्या था पूरा मामला
बता दें कि एनटीपीसी सहित अन्य परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी, गैरमजरूआ, सार्वजनिक उपयोग के पंचायत भवन, मैदान, तालाब, श्मशान घाट, कब्रिस्तान आदि स्थलों के फर्जी कागजात बनाए गए।
इसके बाद सरकारी अधिकारी-कर्मचारी व एनटीपीसी के अधिकारियों से मिलीभगत कर भूमाफियाओं ने मुआवजा ले लिया था, जिसको लेकर सरकार ने एसआइटी गठित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
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