Jharkhand में घाटों पर आया बड़ा अपडेट, बालू सस्ता होने के आसार
झारखंड में बालू घाटों को लेकर एक बड़ा अपडेट आया है। राज्य सरकार नीलामी प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार कर रही है, जिससे बालू की कीमतों में कमी आने की संभावना है। जानकारों का मानना है कि इससे बालू की आपूर्ति बढ़ेगी और निर्माण कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। यह खबर राज्य में निर्माण कार्यों से जुड़े लोगों के लिए राहत लेकर आ सकती है।

झारखंड में अब बालू घाटों का संचालन सैंड माइनिंग रूल 2025 के अनुरूप होगा।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में बालू की कीमतों में कमी आने की उम्मीद की जा रही है। झारखंड में अब बालू घाटों का संचालन सैंड माइनिंग रूल 2025 के अनुरूप होगा। इसको लेकर मई 2025 में ही इस नियम की अधिसूचना जारी की जा चुकी है।
नई व्यवस्था में ग्राहकों को सौ सीएफटी बालू के एवज में सौ रुपये का चालान कटाना होगा। हालांकि इस व्यवस्था के लागू होने के पूर्व पेसा अधिनियम पर हाई कोर्ट का फैसला अनिवार्य रूप से लागू होगा।
दरअसल, हाईकोर्ट ने पेसा लागू होने तक सभी प्रकार के लघु खनिजों के उत्खनन पर रोक लगाने का निर्देश दे रखा है, हालांकि पूर्व में आवंटित खदानों के संचालन पर कोई राेक नहीं है।
सैंड माइनिंग रूल का होगा अनुपालन
झारखंड में बालू की कीमतों में कमी आनी शुरू हो चुकी है। आनेवाले दिनों में और भी कमी देखने काे मिल सकती है। फिलहाल झारखंड में बालू की खरीद के लिए सैंड माइनिंग रूल का अनुपालन किया जाएगा।
इस सूचना मात्र से बालू की कीमतों में कमी आनी शुरू हो गई है। पूर्व में जहां 45-50 हजार के बीच एक हाइवा बालू मिल पाता था वहीं इसकी कीमत अब 30-35 के बीच रह गई है।
अब ग्राम सभा की अनुमति से ग्रामीणों को सौ सीएफटी बालू मुफ्त मिलने का प्रबंध भी कर दिया गया है। हालांकि दोनों व्यवस्था में परिवहन शुल्क खरीदार को ही देना होगा।

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