Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sammed Shikharji News: जैन प्रतिनिधिमंडल की CM सोरेन से जल्‍द होगी मुलाकात, पर्यटन मंत्री हफीजुल ने दी जानकारी

    By Neeraj AmbasthaEdited By: Prateek Jain
    Updated: Tue, 03 Jan 2023 08:57 PM (IST)

    राज्य सरकार गिरिडीह के पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखरजी को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में घोषित करने को तैयार है। लेकिन जैन समाज वर्ष 2019 में राज्य सरकार ...और पढ़ें

    Hero Image
    शिखरजी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक शीघ्र कराई जाएगी।

    रांची, राज्य ब्यूरो: राज्य सरकार गिरिडीह के पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखरजी को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में घोषित करने को तैयार है। लेकिन जैन समाज वर्ष 2019 में राज्य सरकार द्वारा उस अधिसूचना को निरस्त करने की मांग पर अड़ा हुआ है, जिसके तहत पारसनाथ को अंतर्राष्ट्रीय महत्व का पर्यटन स्थल घोषित किया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्य सरकार इस अधिसचूना में पर्यटन स्थल के साथ धार्मिक स्थल जोड़ने को तैयार है। सम्मेद शिखरजी के लिए जयपुर में जैन मुनि की समाधि के सवाल पर राज्य के पर्यटन, कला संस्कृति मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि जैन समाज की आस्था का पूरा ख्याल रखा जाएगा। राज्य सरकार इसका समाधान निकालने का प्रयास कर रही है।

    उन्होंने कहा कि सोमवार को उनसे मिलने पहुंचे जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल को इसका आश्वासन भी दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक शीघ्र कराई जाएगी, ताकि इसका समाधान निकल सके। उन्होंने यह भी कहा कि पारसनाथ को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने का निर्णय रघुवर सरकार में लिया गया था।

    जैन समाज का 2019 की नोटिफिकेशन रद्द करने पर जोर

    इधर, राज्य के पर्यटन, कला संस्कृति सचिव मनोज कुमार ने कहा है कि सम्मेद शिखरजी को गिरिडीह में पर्यटन स्थल घोषित करने की तीन साल पुरानी अधिसूचना का विरोध कर रहे जैन समाज द्वारा बताई जा रही समस्याओं के समाधान के बीच कोई संबंध नहीं है। राज्य सरकार उक्त अधिसूचना में " धार्मिक स्थान " शब्द जोड़ने के लिए तैयार है, लेकिन वे 2019 की अधिसूचना को रद्द करने पर जोर दे रहे हैं। सिर्फ धार्मिक स्थल घोषित किए जाने से भी उनकी उस समस्या का समाधान नहीं होगा, जिसमें समाज का कहना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने से वहां मांस-मदिरा का उपयोग शुरू हो जाएगा।

    बता दें कि मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे तथा पर्यटन सचिव के साथ जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ पिछले दिनों हुई बैठक में भी धार्मिक शब्द जोड़ने का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन प्रतिनिधिमंडल इसके लिए तैयार नहीं हुआ। बैठक में प्रतिनिधिमंडल से किसी धार्मिक स्थल का उदाहरण देने को कहा गया, जिसे राज्य सरकार ने धार्मिक स्थल के रूप में घोषित किया है। लेकिन प्रतिनिधिमंडल ऐसा कोई उदाहरण नहीं दे सका।

    दूसरे धार्मिक स्थलों को लेकर ली जा रही जानकारी

    राज्य सरकार दूसरे धार्मिक स्थलों को लेकर भी जानकारी ले रही है कि वहां पर्यटन स्थल को किस रूप में घोषित किया गया है। पर्यटन सचिव ने केदारनाथ धाम को लेकर उत्तराखंड सरकार से जानकारी ली है। अन्य धार्मिक स्थलों को लेकर भी जानकारी ली जा रही है।

    यह भी पढ़ें-  सम्मेद शिखरजी को लेकर CM सोरेन ने दिया बयान, कहा- केंद्र ने गजट प्रकाशित कि‍या है, इसमें हमारा कोई निर्णय नहीं