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    Jharkhand Road Accident: झारखंड में 142 ब्लैक स्पाट, यहां सड़क हादसे में सबसे अधिक मौत

    By Jagran NewsEdited By: M Ekhlaque
    Updated: Wed, 16 Nov 2022 10:09 PM (IST)

    Road Accident In Jharkhand पहाड़ी और घुमावदार रास्तों के बीच 142 ठिकाने ऐसे हैं जहां हर पल जूझती है जिंदगी और नाचती है मौत। इन्हीं ब्लैक स्पाट पर दुर्घटनाओं में 80 प्रतिशत से अधिक की मौत हो जाती है। सड़कों की फिटनेस की बात छोड़िए इन्हीं के कारण अधिसंख्य दुर्घटनाएं।

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    Jharkhand Road Accident: झारखंड में सभी जिलों में ब्लैक स्पाट के कारण सड़क हादसों में मौत हो रही है।

    रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Road Accident झारखंड में पहाड़ियां बहुत ऊंची नहीं हैं, फिर भी यहां से गुजरने वाली छोटी-छोटी घाटियां मौत की असंख्य कहानियों को अपनी गोद में लिए बैठीं हैं। रांची-रामगढ़ रोड में चुटुपालू घाटी, पटना रोड में कोडरमा घाटी, जमशेदपुर रोड में तमाड़ घाटी ऐसे घुमावदार रास्तें हैं जहां थोड़ी सी असावधानी बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं इंसान सीधे मौत के मुंह में समा जाता है। इसके अलावा दर्जनों ऐसे घुमावदार मोड़ हैं जहां दुर्घटनाएं होने की संभावना हर पल बनी रहती है। पहाड़ों से उतरती सड़कें कई जगहों पर तेजी से नीचे जाती हैं और यही दुर्घटना का बड़ा कारण बनता है।

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    1077 दुर्घटनाओं में 858 लोगों की हुई मौत

    राज्य में कुल 142 ब्लैक स्पाट्स हैं जहां मौत की गारंटी 80 प्रतिशत से अधिक है। आंकड़े खुद इसकी गवाही दे रहे हैं। इन जगहों पर 1077 दुर्घटनाएं हुई हैं जिनमें 858 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावे बचे लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा भी कई ऐसे इलाके हैं जहां नियमित दुर्घटनाएं होती हैं। इन तमाम दुर्घटनाओं के कारण अलग-अलग भले हों, एक समानता है और वह यह कि दुर्घटनाओं के पीछे कहीं ना कहीं मानवीय भूल रही है। कहीं सड़कों के स्लोप को बदलने की जरूरत है तो कहीं अवैध कट को बंद करने की। डिजाइन की खामियों को दूर करने के साथ ही कई मामलों में पहले भी अच्छी उपलब्धियां हासिल हुई हैं और आगे भी संभावनाएं बनी हुई हैं।

    झारखंड की घाटियों में सबसे अधिक घटनाएं

    राज्य में हर वर्ष साढ़े तीन हजार से अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में होती है। घाटियों में दुर्घटनाओं का बड़ा कारण है सड़कों की खामियां। इन सड़कों की चढ़ाई और उतरने का प्रबंध कतई वाहनों के लिए अनुकूल नहीं है, खासकर भारी वाहनों के लिए। खासकर चुटुपालू, तमाड़ और कोडरमा घाटी में कई जगहों पर सड़कें तेजी से नीचे जाती दिखती हैं और इन्हीं सड़कों के कारण दुर्घटनाएं अधिक होती है। अधिसंख्य दुर्घटनाएं भारी वाहनों के कारण होती हैं और इनमें मरनेवाले लोगों की संख्या भी अधिक होती है।

    अवैध कट व ब्लाइंड टर्निंग भी बड़ी वजह

    इसके साथ ही सड़कों पर अचानक खुलनेवाले अवैध कट, ब्लाइंड टर्निंग आदि कई जगहें दुर्घटनाओं को आमंत्रित करती हैं। कई क्षेत्रों में सड़कों पर बने बाटलनेक भी दुर्घटनाओं का कारण बनती है। अचानक से सड़कों की चौड़ाई कम होती है और फिर इनकी चौड़ाई बढ़ते ही वाहनों की रफ्तार बढ़ जाती है। आंकड़े स्पष्ट बताते हैं कि तेजी से चलनेवाले वाहनों के कारण ही अधिसंख्य दुर्घटनाएं हो रही हैं। राजधानी रांची के पुराने स्वरूप को याद करें जिसमें गुमला, खूंटी आदि इलाके भी शामिल हुआ करते थे तो सर्वाधिक दुर्घटनाएं यहीं हुई हैं। इसके बाद रामगढ़, धनबाद, कोडरमा आदि जिले ब्लैक स्पाट्स के लिहाज से खतरनाक बनते जा रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो झारखंड में सड़कों पर रोशनी के अभाव में दुर्घटनाओं की संख्या फिलहाल कम है।

    कहां कितने ब्लैक स्पाट्स

    झारखंड के विभिन्न इलाकों में वर्ष 2019 से 2021 तक हुई दुर्घटनाओं के आधार पर ब्लैक स्पाट्स की पहचान हुई है, जिनकी संख्या 142 है। जिलावार ब्लैक स्पाट्स की संख्या इस प्रकार है।

    • रामगढ़ : 26
    • गुमला : 18
    • धनबाद : 18
    • बोकारो : 16
    • कोडरमा : 15
    • खूंटी : 12
    • रांची : 8
    • गिरिडीह : 8
    • जमशेदपुर : 6
    • दुमका : 5
    • गढ़वा : 2
    • लोहरदगा : 2
    • साहिबगंज : 1
    • सराकेला : 1
    • देवघर : 1
    • हजारीबाग : 1
    • प. सिंहभूम : 1

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