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    केंद्र के साथ दो-दो हाथ के मूड में हेमंत सरकार! झारखंड के लिए नया रोडमैप तैयार, UCC-CAA और NRC पर भी लिया अहम फैसला

    झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने से इनकार कर दिया है। दुमका में स्थापना दिवस समारोह में पारित 50 सूत्री प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया गया है। झामुमो ने केंद्र से कोयला रॉयल्टी मद का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया का मुद्दा भी उठाया है।

    By Pradeep singh Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 02 Feb 2025 08:54 PM (IST)
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    झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। फोटो- सोशल मीडिया

    प्रदीप सिंह, रांची। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने राज्य में भाजपा के तमाम एजेंडे को नकारते हुए स्पष्ट किया है कि झारखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी), नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) नहीं चलेगा।

    संताल परगना प्रमंडल के मुख्यालय दुमका में मोर्चा के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर पारित किए गए 50 सूत्री प्रस्ताव के मायने हैं।

    झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुकाबले भाजपा ने संताल परगना को केंद्रित कर इन मुद्दों पर फोकस रखा है, जिसे मोर्चा ने पूरी तरह नकारते हुए स्पष्ट किया है कि सत्ता में दोबारा वापसी के बाद भी उसके कोर मुद्दे स्पष्ट हैं।

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    इसे आगामी दिनों से पार्टी का रोड मैप माना जा सकता है। संताल परगना झामुमो का अभेद्य गढ़ है। तमाम प्रयासों के बावजूद इसमें सेंधमारी का भाजपा का प्रयास विफल हुआ है।

    केंद्र से दो-दो हाथ का संकल्प भी अहम

    रविवार को पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर केंद्र से दो-दो हाथ का संकल्प भी अहम है। केंद्र से कोयला रायल्टी मद का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया के मसले को पार्टी दरकिनार नहीं करेगी।

    स्पष्ट है कि इसपर सदन से लेकर सड़क पर संघर्ष के साथ-साथ कानूनी मोर्चे पर भी दो-दो हाथ होगा। सत्ता में वापसी के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्णय किया है कि विशेषज्ञ अधिवक्ताओं का एक दल इसपर कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाएगा।

    इसके साथ ही पार्टी के अपने मूल कोर मुद्दे पर डटी रहेगी। 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता का निर्धारण पार्टी का पुराना मुद्दा है।

    इसके अलावा जमीन संबंधी कानून संताल परगना काश्तकारी अधिनयम (एसपीटी एक्ट) और छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) को भी और भी मजबूती के साथ झामुमो लागू करने का पक्षधर है।

    कोल इंडिया, डीवीसी समेत सभी पीएसयू कंपनियों का मुख्यालय हो झारखंड में

    झारखंड में कार्यरत कई उपक्रमों की गतिविधि राज्य में है, लेकिन उसका मुख्यालय यहां नहीं है। यह झारखंड मुक्ति मोर्चा की पुरानी मांग है कि ऐसी कंपनियों का मुख्यालय भी झारखंड में हो, जो यहां अपनी गतिविधियां संचालित करने के साथ-साथ मुनाफा कमाती हैं।

    इसमें कोल इंडिया समेत दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) प्रमुख है। झामुमो इनका मुख्यालय राज्य में लाने को आंदोलन भी चलाता रहा है।

    भाजपा नेता दिनेश कुमार चौधरी ने झामुमो की सदस्यता ली

    भाजपा नेता और सालहन निवासी व्यवसायी सह समाजसेवी दिनेश कुमार चौधरी ने रविवार को झामुमो की सदस्यता ग्रहण की।

    झामुमो के पूर्व अनगड़ा प्रखंड अध्यक्ष मधुसूदन मुंडा ने दिनेश कुमार चौधरी को झामुमो की सदस्यता रसीद सौंपी। इससे अनगड़ा प्रखंड में भाजपा को झटका लगा है।

    दिनेश चौधरी पूर्व में भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिला स्तर के प्रमुख पदाधिकारी रह चुके हैं। दिनेश चौधरी ने बताया कि जल्द ही वे एक भव्य मिलन समारोह का आयोजन करेंगे और अपने एक हजार समर्थकों के साथ झामुमो की सदस्यता ग्रहण करेंगे।

    इधर, भाजपा के अनगड़ा मंडल अध्यक्ष सुनील महतो ने बताया कि दिनेश चौधरी पूर्व में भाजपा के सदस्य थे। लेकिन पिछले कुछ समय से वे पार्टी की राजनीतिक गतिविधि से दूर थे। वर्तमान में इन्होंने भाजपा की सदस्यता भी नहीं ली थी।

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