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    झारखंड विधानसभा भर्ती घोटाला: आज भी पेश नहीं हुई जांच रिपोर्ट, हाईकोर्ट ने दिया एक और मौका

    By Manoj SinghEdited By: Shashank Shekhar
    Updated: Thu, 12 Oct 2023 08:20 PM (IST)

    झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाला मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आज भी हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश नहीं हुई। वहीं हाईकोर्ट ने इस मामले में विधानसभा सचिव को रिपोर्ट पेश करने का अंतिम मौका दिया है। मामले की अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी। बता दें कि इस मामले की जांच के लिए पहले जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग बना था।

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    झारखंड विधानसभा भर्ती घोटाला: आज भी पेश नहीं हुई जांच रिपोर्ट, हाईकोर्ट ने दिया एक और मौका

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाईकोर्ट में विधानसभा नियुक्ति घोटाला मामले की जांच रिपोर्ट पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग की जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की जा सकी।

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    इस पर अदालत ने विधानसभा सचिव को अंतिम मौका देते हुए जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी।

    विधानसभा सचिव की ओर से अदालत को बताया गया कि आयोग की रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। विधानसभा सचिवालय ने जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय से जस्टिस विक्रमादित्य आयोग की रिपोर्ट का मूल प्रतिवेदन मांगा है।

    विधानसभा ने जस्टिस मुखोपाध्याय को भेजे गए पत्र की कॉपी कोर्ट में पेश की गई। प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट को बताया कि विधानसभा में गलत तरीके से नियुक्त अधिकारियों की प्रोन्नति के लिए आयोग से सुझाव मांगा गया है। सरकार की मंशा विधानसभा में गलत तरीके से चयनित लोगों को बचाने की है।

    राज्यपाल को 2018 में सौंपी गई थी जांच रिपोर्ट 

    पिछली सुनवाई में अदालत को बताया गया कि इस मामले की जांच को लेकर पहले जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग बना था। इसने मामले की जांच कर राज्यपाल को 2018 में रिपोर्ट सौंपी थी।

    जांच रिपोर्ट में 20 ऐसे बिंदु का जिक्र किया गया है, जिसमें अनियमितता पाई गई है। इसी आधार पर राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

    2021 के बाद से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। राज्यपाल के दिशा-निर्देश के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस मामले को लंबा खींचा जा रहा है। मामले में देरी होने से गलत तरीके से चयनित होने वाले अधिकारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

    150 लोगों की नियुक्ति में गड़बड़ी- याचिका 

    विधानसभा की ओर से बताया गया था कि जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग की रिपोर्ट स्पष्ट नहीं थी। इस कारण आयोग की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में एक आयोग बनाया गया है। इस संबंध में शिवशंकर शर्मा ने जनहित याचिका दाखिल की है।

    याचिका में कहा गया है कि 2007-08 में झारखंड विधानसभा में 150 लोगों की नियुक्ति में गड़बड़ी की गई है। नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं किया गया और अयोग्य लोगों को भी नियुक्त किया गया है, जिस समय नियुक्ति हुई उस समय आलमगीर आलमगीर आलम स्पीकर थे।

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