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    झारखंड: यहां राशन बांटने के लिए बोलेरो से खोजा जाता है नेटवर्क, लोगों की बढ़ी परेशानी

    By Sanjay KumarEdited By:
    Updated: Tue, 17 May 2022 11:21 AM (IST)

    Jharkhand News झारखंड की राजधानी रांची के मांडर क्षेत्र में लोगों को राशन लेने के लिए बोलेरो के पीछे घूमना पड़ता है। दरअसल गांव में नेटवर्क की ऐसी समस ...और पढ़ें

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    Jharkhand News: राशन बांटने के लिए बोलेरो से खोजा जाता है नेटवर्क

    रांची, जासं। Jharkhand News यह राजधानी रांची के मांडर का क्षेत्र है जहां आज भी लोगों को राशन लेने के लिए बोलेरो के पीछे घूमना पड़ता है। तब जाकर उन्हें राशन मिल पाता है। नेटवर्क की तलाश में जन वितरण प्रणाली दुकानदार को नेटवर्क की तलाश करना पड़ता है। काफी मशक्कत के बाद लाभुकों को राशन मिल पाता है। यह तो एक बानगी है।

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    दरअसल ग्रामीण क्षेत्र के कई इलाकों में नेटवर्क की समस्या रहने के कारण अक्सर लाभुकों को कई बार राशन लेने के लिए जन वितरण प्रणाली केंद्र का चक्कर लगाना पड़ता है। राशन बांटने के लिए डीलर सहित लाभुकों को भी काफी परेशानी होती है। जहां-जहां बोलेरो चलती है, वहां वहां लाभुकों को राशन के लिए पहुंचना पड़ता है।

    मांडर के जन प्रणाली के दुकानदार बोलोरो गाड़ी में राशन व ई पोस मशीन लोड कर नेटवर्क तलाश करते है। इस संबध डीलरों ने इसकी शिकायत सबंधित पदाधिकारी से करने के बाद भी नेटवर्क की समस्या से डीलर परेशान है। वही नेटवर्क नही रहने से लाभुको को भी समय से राशन का उठाव नही कर पाते है।

    2जी नेटवर्क के भरोसे सबकुछ

    जानकारी के अनुसार प्रखंड के झिंझरी, करगे, मलती आदि गांवो के राशन डीलर को नेटवर्क की समस्या है । इसके विपरीत शहरी क्षेत्र के हालात काफी बेहतर है। ग्रामीण क्षेत्र में जहां 2जी नेटवर्क के भरोसे सबकुछ है, वही शहरी क्षेत्र में 5 जी नेटवर्क से काम हो रहा है।

    जहां मिलता नेटवर्क, वहीं राशन वितरण

    करगे गांव के संतोष सिंह ने बताया कि हमारे यहां नेटवर्क की बहुत समस्या है। बोलोरो गाड़ी में ई पोस मशीन व राशन के कुछ बोरा लेकर चलना पड़ता है। जिस जगह नेटवर्क मिल जाता है उसी जगह लाभुक को राशन वितरण करते है।

    नेट की खोज में पहाड़ और जंगलों तक पहुंच जा रहे डीलर

    डीलर संघ के अमिताभ का कहना है कि महीना के अंतिम दिन डीलरों को राशन का उठाव कराया जाता है जबकि जिस महीना राशन का उठाव करना है, उसी महीना शत प्रतिशत अनाज का वितरण करना है। ऐसे में अनाज वितरण करने में डीलरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दूसरी तरफ बुढ़मू क्षेत्र में डीलरों द्वारा नेट की खोज में पहाड़ और जंगलों तक पहुंच जा रहे हैं।