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    Jharkhand: घरवालों से छुप कर सीखी सोहराई, अब विदेशों से मिल रहा ऑर्डर; पढ़ें इस महिला की सफलता की कहानी

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Fri, 11 Dec 2020 10:07 AM (IST)

    Jharkhand News कामिनी बताती है कि उनके घर में केवल पढ़ाई-लिखाई का माहौल था। मगर उनकी रुचि आर्ट में भी थी। घर के लोगों को कहना था कि सही से पढ़ाई करके सरकारी नौकरी प्राप्त करनी है। इसके अलावा कोई काम नहीं करना। फिर शादी हो गयी।

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    सोहराई कला से बनी साड़‍ियाें को देखती महिलाएं। जागरण

    रांची, संजय सुमन। हाल के दिनों में लगभग लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई झारखंड की लोक कला सोहराई और टिकूली कला का जादू देश के साथ विदेशों में भी चल रहा है। इसे सीखकर रांची के बूटी मोड़ निवासी कामिनी सिन्हा आज विदेशों तक अपनी पहचान बना चुकी है। यहीं नहीं, वह अपने साथ 36 महिलाओं को सोहराई और मधुबनी पेंटिंग के जरिए आत्मनिर्भर भी बना रही है। वह जनजाति महिलाओं को आदिवासी और लोक कला आर्ट वर्क की फ्री ट्रेनिंग भी देती हैं।

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    संघर्ष से मिली सफलता

    कामिनी बताती हैं कि उनके घर में केवल पढ़ाई-लिखाई का माहौल था। मगर उनकी रुचि आर्ट में भी थी। घर के लोगों को कहना था कि सही से पढ़ाई करके सरकारी नौकरी प्राप्त करना है। इसके अलावा कोई काम नहीं करना। फिर शादी हो गई। तब भी मुझे अपना काम शुरू करने या प्राइवेट नौकरी के लिए मदद नहीं मिली। इसी दौरान मेरा कुछ लोगों से मिलना हुआ। उन्होंने मेरी काबिलियत को पहचाना और नौकरी पर रख लिया।

    मगर घर से सपोर्ट नहीं था। वहीं मेरा बेटा भी उस वक्त काफी छोटा था। मेरे लिए यह वक्त बहुत मुश्किल भरा था। मगर मैंने हार नहीं मानी। घर वालों से छिपकर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक काम करने जाया करती थी। यही मेरी सफलता का राज बना। आज मेरे डिजाइन किए कपड़े आदि की मांग विदेशों में भी होती है।

    साड़ी से लेकर कुशन कवर तक पर होता है वर्क

    कामिनी सिन्हा बताती हैं कि कुछ ही वर्ष की मेहनत के बाद मुझे बाजार से ऑर्डर मिलने लगे। इससे मुझे और लोगों की जरूरत होने लगी। इसके बाद मैंने ओम क्रिएशन के नाम से एक संस्थान खोली। मेरा काम जब इतना आगे निकल गया तो मेरे परिवार को पता चला। इसके बाद मुझे परिवार से कई गुना ज्यादा सपोर्ट औऱ मदद मिला।

    अब मैं हर प्रोडक्ट पर आर्ट वर्क करती हूं। साड़ी, बेडशीट, कुशन कवर, स्टाॅल, दुपट्टा, वेस्टकोट, क्लच, बैग, घर में सजावट के सामान आदि सभी पर सोहराई, टिकूली और मधुबनी पेंटिग बनाई जाती है। हमारे उत्पाद सीधे रामगढ़, पटना, इंदौर, भोपाल, दिल्ली, इलाहाबाद, ओडिशा, दिल्ली के साथ कई देशों में सप्लाई होते हैं।