Jharkhand New Scheme: झारखंड में अधिसूचित हुई राह-वीर योजना, 31 मार्च 2026 तक रहेगी चालू
झारखंड में राह-वीर योजना अधिसूचित कर दी गई है। यह योजना 31 मार्च 2026 तक चालू रहेगी। इस योजना का उद्देश्य राज्य के नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सरकार ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में राह-वीर योजना को अधिसूचित कर दिया गया है। यह योजना 31 मार्च 2026 तक चालू रहेगी। इसका उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में सड़क दुर्घटना में पीड़ितों की मदद के लिए आम जनता को प्रेरित करना, निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए दूसरों को प्रेरित व प्रोत्साहित करना है।
कोई भी व्यक्ति जिसने मोटर वाहन से जुड़ी किसी गंभीर सड़क दुर्घटना के पीड़ित को दुर्घटना के गोल्डन आवर यानी दुर्घटना के एक घंटे के भीतर तत्काल सहायता कर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए अस्पताल पहुंचाकर जान बचाता है तो उसे राह-वीर योजना का लाभ मिलेगा।
सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल की जान बचाने वाले ऐसे राह-वीर को 25 हजार रुपये का पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
जारी अधिसूचना में गंभीर दुर्घटना को भी परिभाषित किया गया है। इसके तहत मोटर वाहन से जुड़ी कोई भी सड़क दुर्घटना जिसके कारण पीड़ित को उपचार के दौरान बड़ी सर्जरी हो, न्यूनतम तीन दिन अस्पताल में भर्ती होने पड़े, मस्तिस्क या रीढ़ की हड्डी की चोटें व उपचार के दौरान पीड़ित की मृत्यु हो जाए, उसे शामिल किया गया है।
यदि एक से अधिक राह-वीर मोटर वाहन से जुड़ी गंभीर दुर्घटना के एक पीड़ित की जान बचाते हैं तो पुरस्कार की राशि 25 हजार रुपये को उनके बीच समान रूप से विभाजित की जाएगी। एक से अधिक पीड़ितों की जान बचाने पर प्रति पीड़ित 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
वर्ष के सर्वश्रेष्ठ दस राह-वीरों को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के दौरान दिल्ली में प्रमाण पत्र व ट्राफी के साथ एक लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय स्तर पर मूल्यांकन समिति प्रत्येक राज्य से प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा के बाद वर्ष के दस सर्वश्रेष्ठ राह-वीर का चयन करेगी। एक व्यक्तिगत राह-वीर को एक वर्ष में अधिकतम पांच बार ही सम्मानित किया जा सकता है।
ऐसे होगा राह-वीर का चयन
किसी भी दुर्घटना की सूचना राह-वीर अगर सबसे पहले पुलिस को देता है तो डाक्टर से विवरण सत्यापित करने के बाद पुलिस ऐसे राह-वीर को अधिकारिक लेटर पैड पर एक प्राप्ति देगी। इसमें राह-वीर का नाम, उसका मोबाइल नंबर व पता, घटना का स्थान, दिनांक व समय और राह-वीर ने पीड़ित की जान बचाने के लिए किस तरह मदद की है, उसका भी उल्लेख होगा।
उक्त प्राप्ति की प्रति संबंधित पुलिस स्टेशन के माध्यम से उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तर पर गठित मूल्यांकन समिति को भेजी जाएगी। इसकी एक प्रति राह-वीर को भी भेजी जाएगी। यदि राह-वीर पीड़ित को सीधे अस्पताल ले जाता है तो संबंधित अस्पताल संबंधित पुलिस स्टेशन को सभी विवरणी उपलब्ध कराई जाएगी।
दो स्तर पर गठित होगी निगरानी व मूल्यांकन समिति
राह-वीर योजना की निगरानी के लिए दो स्तर पर निगरानी व मूल्यांकन समिति गठित होगी। इसके तहत राज्य स्तर पर एक राज्य स्तरीय निगरानी समिति व प्रत्येक जिले में एक जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति का गठन होगा। राज्य स्तरीय निगरानी समिति के अध्यक्ष गृजह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव या सचिव होंगे।
समिति में स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख या एनएचएम के प्रबंध निदेशक, एडीजी ट्रैफिक सदस्य व परिवहन आयुक्त सदस्य सचिव होंगे। जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति में संबंधित जिले के डीसी अध्यक्ष होंगे। सदस्यों में एसपी व सिविल सर्जन तथा सदस्य सचिव जिला परिवहन पदाधिकारी होंगे।

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