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    Amitabh Choudhary: आखिर कैसे सुर्खियों में आए IPS अमिताभ चौधरी, 10 बिन्दुओं में पढ़िए उनकी पूरी कहानी

    By M EkhlaqueEdited By:
    Updated: Tue, 16 Aug 2022 04:43 PM (IST)

    IPS Amitabh Choudhary आइपीएस अमिताभ चौधरी झारखंड का एक ऐसा नाम जिसे हर कोई जानता है। एक बहादुर पुलिस अधिकारी के रूप में करियर शुरू करने वाले अमिताभ चौधरी का नाता झारखंड के खेल जगत झारखंड की राजनीति और झारखंड लोक सेवा आयोग से रहा है।

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    JPSC News: झारखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन अमिताभ चौधरी।

    रांची, डिजिटल डेस्क। IPS Amitabh Choudhary JPSC EX Chairman झारखंड के चर्चित आइपीएस अमिताभ चौधरी सोमवार सुबह दुनिया को अलविदा कह गए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर तमाम पार्टियों के बड़े नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है। झारखंड लोक सेवा आयोग हो या झारखंड क्रिकेट संघ, राजनीति का मैदान हो या फुटबाल का हर जगह अपने उल्लेखनीय कामों से अमिताभ चौधरी ने अलग पहचान बनाई। एक पुलिस अफसर के रूप में भी वह जहां कहीं तैनात रहे, दबंग छवि से जनता का दिल जीता। नौकरी से रिटायर होकर कई अधिकारी चुपचाप दुनिया को अलविदा कह जाते हैं, लेकिन अमिताभ चौधरी ने झारखंड को इतना कुछ दे दिया है कि लोग उन्हें नहीं भुला पाएंगे। आइए, उनके कुछ रोचक कार्यों पर नजर डालते हैं।

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    ऐसे थे अमिताभ चौधरी, पढ़िए इनके रोचक काम

    • बात 2005 की है। झारखंड क्रिकेट संघ का चुनाव हो रहा था। आइपीएस अमिताभ चौधरी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ गए। झारखंड के तत्कालीन गृह मंत्री सुदेश महतो काे उन्होंने चुनावी मैदान में चुनौती दी। सुदेश महतो को चुनाव में हरा दिया। इसके बाद उन्होंने झारखंड क्रिकेट संघ की नियमावली ही बदल दी।
    • आइपीएस अमिताभ चौधरी पहले वह शख्स रह चुके हैं जिन्होंने झारखंड के पलामू जिले में राष्ट्रीय महिला फुटबाल मैच का आयोजन कराया था। तब वह यहां के पुलिस अधीक्षक हुआ करते थे। तत्कालीन बिहार झारखंड में यह राष्ट्रीय स्तर का पहला बड़ा आयोजन था। इसकी चर्चा देश भर में हुई थी। इस आयोजन ने अमिताभ चौधरी को खेल की दुनिया में शोहरत भी दी।
    • आइपीएस अमिताभ चौधरी ने ही झारखंड की राजधानी रांची में अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनवाया था। इसका नाम है- जेएससीए स्टेडियम। यहां आज भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच होता है। टाटा स्टील ने जब जमशेदपुर में कीनन स्टेडियम नहीं दिया था तो इसके जवाब में इसका निर्माण कराया गया था। बात वर्ष 2006 की है। तीन साल में यह बनकर तैयार हो गया था।
    • आइपीएस अमिताभ चौधरी भारतीय क्रिकेट कंट्राेल बार्ड के कार्यवाहक सचिव भी रह चुके हैं। वर्ष 2016 से 2019 तक वह इस पद पर रहे। इस दौरन कई उल्लेखनीय कार्य किया। क्रिकेटर विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच विवाद का निपटारा इन्होंने ही किया था।
    • वर्ष 2007 में 34वां नेशनल गेम्स का आयोजन झारखंड में हुआ था। इस आयोजन के लिए बनाई गई कमेटी में आइपीएस अमिताभ चौधरी को भी रखा गया था। इनके अलावा झारखंड के वरिष्ठ अधिकारी सुखदेव सिंह और नीतिन मदन कुलकर्णी भी कमेटी में थे। यह आयोजन यहां यादगार रहा। इसमें अमिताभ चौधरी की भूमिका अग्रणी रही।
    • आइपीएस अमिताभ चौधरी का शुरू से ही सांसद बनने का सपना था, लेकिन वह पुलिस सेवा में चले गए। पुलिस सेवा में रहते हुए भी उन्होंने खेल क्षेत्र कि लिए कई उल्लेखनी कार्य किया। बाद में वह झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष भी बने। लेकिन बचपन से सांसद बनने का सपना पूरा नहीं हो सका। हां इतना जरूर हुआ कि झारखंड के गृह मंत्री के खिलाफ क्रिकेट संघ का चुनाव लड़कर जीत गए।
    • बचपन का सपना पूरा करने के लिए एक बार आइपीएस अमिताभ चौधरी राजनीति में भी आए। झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ा। रांची संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं ने साथ नहीं दिया। चुनाव हार गए। भाजपा के रामटहल चौधरी ने बुरी तरह हरा दिया। इसके बाद कई बार टिकट के लिए सियादी दलों में दस्तक देते रहे, लेकिन भाग्य ने साथ नहीं दिया।
    • आइपीएस अमिताभ चौधरी झारखंड लोकसेवा आयोग के चेयमैन रहे। 62 साल की उम्र में रिटायर हो गए। झारखंड लोक सेवा आयोग अपनी कार्यशैली के लिए बदनाम रहा है। लेकिन अमिताभ चौधरी ने अपने प्रयास से पहली बार महज 252 दिनों में सातवीं सिविल सेवा परीक्षा कराकर रिजल्ट दे दिया था। उनके इस प्रयास की झारखंड में खूब चर्चा हुई।
    • पुलिस अधिकारी के रूप में अमिताभ चौधरी का नाम काफी चर्चित रहा है। झारखंड की राजधानी रांची और टाटानगरी जमशेदपुर में पुलिस अधीक्षक रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ शानदार काम किया था। कई संगठित अपराधियों की कमर तोड़ का जनता का दिल जीता था। उनकी छवि दबंग पुलिस अफसर की रही है।
    • अमिताभ चौधरी को क्रिकेट से काफी लगाव था। झारखंड में आज जो क्रिकेट की स्थिति है, उसमें उनका बड़ा योगदान रहा है। क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी के उज्ज्वल भविष्य के बारे में उन्होंने बहुत पहले ही घोषणा कर दी थी। बाद में उनकी भविष्यवाणी सच भी साबित हुई।