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    JPSC: राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में नियुक्त होंगे 15 सहायक निदेशक, 16 अक्टूबर तक कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 10:38 PM (IST)

    झारखंड लोक सेवा आयोग ने राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में सहायक निदेशक और वरीय वैज्ञानिक पदाधिकारी के 15 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। इनमें 7 नियमित और 8 बैकलॉग पद हैं जिनके लिए ऑनलाइन आवेदन 26 सितंबर से 16 अक्टूबर तक किए जा सकते हैं। विभिन्न विषयों में विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड लोक सेवा आयोग ने गृह विभाग के अधीन कार्यरत राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में सहायक निदेशक/वरीय वैज्ञानिक पदाधिकारी के कुल 15 पदों के विरुद्ध नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    इनमें सात पद नियमित नियुक्ति के हैं, जबकि आठ बैकलाग पद हैं। दोनों श्रेणी के पदों के लिए आयोग ने अलग-अलग विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किया है।

    इन पदों के विरुद्ध नियुक्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन 26 सितंबर से 16 अक्टूबर तक भरे जाएंगे। 17 अक्टूबर तक परीक्षा शुल्क का भुगतान होगा। 29 अक्टूबर तक जेपीएससी कार्यालय में ऑनलाइन आवेदन की हार्ड कापी जमा होगी।

    नियमित नियुक्ति के तहत आग्नेयास्त्र विषय में चार तथा फोटोग्राफी, डाक्यूमेंट तथा फोरेंसिक इंजीनियरिंग में एक-एक पद पर नियुक्ति होगी। इसी तरह, बैकलाग श्रेणी के तहत आग्नेयास्त्र विषय में दो, विष विज्ञान में तीन तथा भौतिकी, सामान्य रसायन तथा साइबर फोरेंसिक में एक-एक पदों के विरुद्ध नियुक्ति होगी।

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    जेएसएससी और सीजीएल पेपर लीक की सीबीआई से जांच कराए सरकार: बाबूलाल

    वहीं, दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने जेएसएससी, सीजीएल परीक्षा में हुई बड़े पैमाने धांधली का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग दोहराई है।

    मरांडी ने कहा कि जेएसएससी, सीजीएल परीक्षा में हुए पेपर लीक और सीटों की खरीद-फरोख्त को छुपाने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों ने हर संभव हथकंडा अपनाया। अब कोर्ट में उनकी करतूतें उजागर हो रही हैं।

    सरकार द्वारा आधी रात को इंटरनेट बंद करना, लाखों रुपये के लेन-देन के सबूत मिलना और सरकार द्वारा बिना किसी ठोस जांच के आयोग को क्लीनचिट देना इस पूरे षड्यंत्र की ओर इशारा करता है।

    पेपर लीक का सीधा संबंध सत्ता के करीबी लोगों से लेकर नेपाल तक के सक्रिय दलालों से जुड़ा हुआ है। सीआईडी जांच के नाम पर राज्य सरकार सिर्फ लीपापोती कर रही है।