Virendra Ram: सवा सौ करोड़ी वीरेंद्र राम की संपत्ति जब्त करेगी ईडी, चार्जशीट भी इसी महीने होगी दाखिल
Virendra Ram Property पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार की कमाई से करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की संपत्ति ईडी जब्त करेगी।

रांची, राज्य ब्यूरो: पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार की कमाई से करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की संपत्ति ईडी जब्त करेगी।
उनके व उनके रिश्तेदारों के बैंक खाते में पड़े रुपयों को ईडी ने फ्रीज करवाया था, जिसे जब्त किया जाएगा। इसके अलावा रांची, जमशेदपुर और दिल्ली के आलीशान बंगले भी जब्त होंगे।
ईडी केअनुसंधान में यह खुलासा हो चुका है कि ये सभी संपत्तियां भ्रष्टाचार से बनाई गई हैं। इसकी कागजी कार्रवाई चल रही है। इसी माह उनपर ईडी चार्जशीट भी करेगी।
23 फरवरी 2022 को हुई थी वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी
वीरेंद्र राम को ईडी ने गत 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने वीरेंद्र राम व उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के विरुद्ध गत माह दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में भी प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
गत 22 फरवरी को ईडी ने वीरेंद्र राम व उनके सहयोगियों से जुड़े ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस छापेमारी में वीरेंद्र राम के ठिकानों से आपत्तिजनक दस्तावेज के अलावा करीब डेढ़ सौ करोड़ की चल-अचल संपत्ति की जानकारी मिली थी।
उनके सहयोगी चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के ठिकाने से नोटबंदी के पूर्व के 9.46 लाख रुपये के पुराने नोट और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए थे।
फर्जी दस्तावेज का उपयोग
ईडी ने टेंडर घोटाले की जांच के सिलसिले में यह छापेमारी की थी। तब ईडी को पता चला था कि वीरेंद्र राम व अन्य ने मिलकर मनी लॉन्ड्रिंग के उद्देश्य से फर्जी नामों पर बैंक खाता व पैन कार्ड बनाने के लिए आपत्तिजनक दस्तावेज का उपयोग किया।
ईडी को जांच में पता चला कि नई दिल्ली में रोहिणी के सेक्टर-6, सी-4 निवासी तारा चंद ने दिल्ली के एक अन्य सीए नीरज मित्तल के निर्देश पर तीन अलग-अलग कंपनियों श्री खांटूश्याम ट्रेडर्स, अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स व ओम ट्रेडर्स के नाम से फर्जी दस्तावेज व केवाइसी के नाम पर बैंक खाते खोले।
इन सभी खातों का उपयोग दिल्ली में रहने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल ने मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के अवैध धन को सफेद करने के लिए किया।
चार्टर्ड अकाउंंटेंट की मदद से परिवार के सदस्यों के खाते में भेजे पैसे
वीरेंद्र राम ने पद का दुरुपयोग कर चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के माध्यम से अवैध धन को अपने परिवार के सदस्यों के खाते में भिजवाया।
ईडी ने शिकायत में बताया है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल ने बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग की है। केनरा बैंक की नई दिल्ली स्थित एनएसई शाखा में वीरेंद्र राम व उनकी पत्नी राजकुमारी देवी के नाम से संयुक्त खाता है, जहां बड़ी रकम मिली है।
इस खाते में वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्तीय वर्ष 2018-19 के बीच 9.30 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। इसके अलावा वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम के नई दिल्ली स्थित केनरा बैंक के एसएमई नारायण विहार शाखा में 22 दिसंबर 2022 से 23 जनवरी 2023 के बीच महज 31-32 दिल्ली में 4.48 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।
दोनों ही खातों में चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल ने अपने फर्जी तरीके से खोले गए बैंक खातों की मदद से विभिन्न तिथियों में राशि जमा की थी।
वीरेंद्र राम के पिता के खाते में आए 4.48 करोड़ रुपये
वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम के खाते में आए 4.48 करोड़ रुपये तीन व्यक्ति राकेश कुमार केडिया, मनीष व नेहा श्रेष्ठ के बैंक खाते से आए थे। ये चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के सहयोगी या रिश्तेदार हैं।
वीरेंद्र राम ने ही मुकेश मित्तल को पांच करोड़ रुपये जमा करने के लिए दिये थे, जिसमें से 4.48 करोड़ रुपये मुकेश मित्तल ने गेंदा राम के खाते में जमा कराए थे।
वीरेंद्र राम व राजकुमारी देवी के संयुक्त बैंक खाते में जमा की जाने वाली राशि मुख्य रूप से दो फार्म आरके इंवेस्टमेंट एंड कंस्ल्टेंसी से आई थी, जिसके मालिक नई दिल्ली के राकेश कुमार केडिया हैं।
वहीं, दूसरी कंपनी आरपी इंवेस्टमेंट एंड कंस्ल्टेंसी की मालकिन नई दिल्ली की रीना पाल हैं। आरके इवेंस्टमेंट एंड कंस्ल्टेंसी का केनरा बैंक के नई दिल्ली स्थित कनाट सर्किल शाखा में खाता है। वहीं, आरपी इंवेस्टमेंट एंड कंस्ल्टेंसी का नई दिल्ली के कनाट सर्किल स्थित केनरा बैंक के एनएसई ब्रांच में खाता है।

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