Jharkhand Power Crisis: कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में सिर्फ दस दिन का कोयला स्टाक... 100 मेगावाट बिजली उत्पादन हुआ कम
Jharkhand Power Crisis झारखंड में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है बिजली संकट भी गहराने लगा है। लोगों को मुश्किल से बिजली मिल पा रही है। उधर आलम यह है कि डीवीसी के कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में अब सिर्फ दस दिनों के लिए कोयला का स्टाक बचा है।
कोडरमा, जागरण संवाददाता। भीषण गर्मी के कारण देशभर में बिजली की बढ़ती मांग बढ़ गई है, लेकिन बिजली उत्पादन के लिए पावर प्लांट के पास पर्याप्त कोयला ही नहीं है। झारखंड के सर्वाधिक उत्पादन क्षमता वाले प्लांटों में एक डीवीसी के कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में महज 10 दिनों का कोयला स्टाक शेष बचा है। 500-500 मेगावाट क्षमता वाली दो यूनिटों (कुल 1000 मेगावाट) वाले इस प्लांट को पूरी क्षमता के अनुसार उत्पादन के लिए प्रतिदिन 14000 मेट्रिक टन यानी 4 रैक कोयला की आवश्यकता होती है, लेकिन अप्रैल में महज 97 रैक ही (औसत 3.5 रैक) कोयला पहुंचा है।
नियमानुसार पावर प्लांट में 21 दिनों का होना चाहिए स्टाक
सरकारी नियमानुसार पावर प्लांटों के पास 21 दिनों का कोयला स्टाक होना चाहिए, लेकिन कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में दस दिनों का ही स्टाक बचा है। इसको देखते हुए फिलहाल प्लांट से बिजली उत्पादन में 50-50 मेगावाट की कमी की गई है। प्लांट के मुख्य अभियंता एनके चौधरी ने बताया कि बुधवार को केवल एक रैक ही कोयला आया था। जबकि गुरुवार को पांच रैक कोयला पहुंचने वाला है। एक साथ अधिक रैक पहुंचने से भी रैक खाली करने में वक्त लग जाता है। उन्होंने कहा कि मार्च तक कोयला की आपूर्ति काफी अच्छी थी। अप्रैल में दिक्कत आयी है।
कोयला परिवहन में रेलवे बोर्ड भी अलर्ट
उल्लेखनीय है कि देशभर में पावर प्लांटों में कोयला की निर्बाध आपूर्ति के लिए रेलवे बोर्ड के स्तर से भी कोयला लदी मालगाड़ियों को निर्बाध गंतव्य तक पहुंचाने का निर्देश सभी रेलवे मंडलों को दिया गया है। रेलवे बोर्ड इस बावत अपने स्तर से नजर बनाए हुए है। अधिकत दबाव वाले धनबाद रेल मंडल के हजारीबाग- बानादाह साइडिंग एवं धनबाद के विभिन्न साइडिंगों के जरिये कोयला लदी मालगाडियों का परिचालन किया जा रहा है। कोडरमा स्टेशन से हजारीबाग टाउन स्टेशन एवं गोमो पारसनाथ के रास्ते मालगाड़ियों का परिचालन हो रहा है। इन मालगाडियों को ग्रीन सिंग्नल पर देश के विभिन्न राज्यों के बिना बाधा दौड़ाने की कवायद जारी है। कोडरमा-गया रेलखंड में उंचाई के वजह से मालगाड़ियों में डबल इंजन का इस्तेमाल हो रहा है। धनबाद रेल मंडल के पीआरओ पीके मिश्रा ने बताया कि कोयला ढुलाई को लेकर धनबाद रेल मंडल महती भूमिका निभा रहा है। मौजूदा हालत को देखते हुए डाउन और अप लाइन में धनबाद रेल मंडल के अंतर्गत झारखंड, बिहार और उतर प्रदेश के रास्ते 115 रैक वाली मालगाड़ी भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी के लिए बंधुआ और मानपुर के बीच एक अलग लाइन जो बिछायी गई थी उसी जरिये बिहार में कोयला भेजी जा रही है।