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    झारखंड के 17 पालीटेक्निक स्टेट आफ द आर्ट के रूप में विकसित होंगे, सीटों की संख्या एक हजार तक बढ़ जाएगी

    By Neeraj Ambastha Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Wed, 05 Nov 2025 12:04 AM (IST)

    झारखंड के 17 पॉलिटेक्निक संस्थानों को आधुनिक बनाने की योजना है। इन संस्थानों को 'स्टेट ऑफ द आर्ट' के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रत्येक संस्थान में सीटों की संख्या लगभग एक हजार तक बढ़ाई जाएगी, जिससे राज्य में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे।

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    राज्य के 17 राजकीय पालीटेक्निक स्टेट आफ द आर्ट संस्थान के रूप में विकसित होंगे।

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य के 17 राजकीय पालीटेक्निक स्टेट आफ द आर्ट संस्थान के रूप में विकसित होंगे। इसके तहत राज्य सरकार ने दो पालीटेक्निक संस्थानों के नए भवन निर्माण तथा पुराने भवनों के जीर्णोद्धार की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है।

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    इनमें रांची के राजकीय पालीटेक्निक तथा जमशेदपुर के राजकीय महिला पालीटेक्निक सम्मिलित हैं। दोनों को स्टेट आफ द आर्ट के रूप में विकसित करने के लिए क्रमश: 97.66 करोड़ तथा 55.14 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है।

    उच्च एवं तकनीकी विकास विभाग ने दोनों संस्थानों के स्टेट आफ आर्ट संस्थान के रूप में विकसित करने का भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया है। इसके तहत चालू वित्तीय वर्ष में 30 प्रतिशत, वित्तीय वर्ष 2026-27 में 50 प्रतिशत तथा 2027-28 में 20 प्रतिशत कार्य पूरा होगा।

    इसके तहत इन संस्थानों में सीटों की संख्या एक हजार तक बढ़ाई जाएगी। इसके लिए न केवल नए अकादमिक व प्रशासनिक भवनों, छात्रावासों, आडिटोरियम आदि का निर्माण होगा, बल्कि कई अन्य आधारभूत संरचनाएं विकसित की जाएंगी।

    फैकल्टी डवलपमेंट एकेडमी को सीड मनी के रूप में मिलेंगे 22 करोड़

    झारखंड स्टेट फैकल्टी डवलपमेंट एकेडमी को सीड मनी के रूप में पांच वर्षों में 22 करोड़ रुपये मिलेंगी। झारखंड उच्च शिक्षा परिषद ने इसपर अपनी स्वीकृति दे दी है। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एकेडमी को छह करोड़ रुपये मिलेंगे।

    उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस राशि की निकासी की अनुमति दे दी है। राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों व कालेजों में कार्यरत शिक्षकों, पदाधिकारियों, कर्मियों तथा छात्रों के क्षमतावर्द्धन के लिए इस एकेडमी का गठन किया गया है। राज्य सरकार ने पहले ही इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी है।