Jharkhand के लिए खुशखबरी! प्रदूषण का स्तर हुआ कम, अभी और सुधार की जरूरत
झारखंड में ठंड बढ़ने से कोहरा घना हुआ है, लेकिन प्रदूषण के स्तर में कमी आई है। राज्य का प्रदूषण मानक 192 एक्यूआई से घटकर 160 के आसपास पहुंचा है। प्रदू ...और पढ़ें

राज्य में ठंड बढ़ने से कोहरा घना हुआ है लेकिन प्रदूषण के स्तर में कमी आई है।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में ठंड बढ़ने से कोहरा घना हुआ है लेकिन प्रदूषण के स्तर में कमी आई है। पिछले सप्ताह राज्य का प्रदूषण मानक 192 एक्यूआई था जो अब घटकर 160 के आसपास पहुंचा है।
प्रदूषण करने वाले तत्वों में धूल, खनन से निकले हानिकारक अवशेष, धान के खेतों में आग लगाए जाने वाले तत्व जिम्मेदार हैं। पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी राज्य में बढ़े हुए बायोमास (हरियाली) को प्रदूषण कम करने में सहायक मानते हैं।
उन्होंने बताया कि भले एक समय में पर्यावरण में धूल और मिट्टी के कण बढ़ रहे हैं लेकिन पेड़ पौधों की मौजूदगी और रात में ओस के कण इन्हें वापस जमीन पर ले आते हैं। दूसरी बात यह है कि झारखंड में धान के खेतों में आग लगाने की घटना कम होती है। यही वजह है कि प्रदूषण मानक 150 के आसपास बना हुआ है।
रांची और जमशेदपुर में नगर निकाय का प्रयास रंग लाया
रांची और जमशेदपुर में स्थानीय नगर निकायों ने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई प्रयोग किए हैं। इसमें सुबह और शाम पर्यावरण में पानी का छिड़काव, सड़कों पर जमी धूल को प्रतिदिन हटाना शामिल है।
लेकिन धनबाद में कोल खनन और कोडरमा में पत्थर खनन से निकले कणों की हवा में मौजूदगी बनी हुई है। इससे वहां पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो पा रहा है।

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