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    Jharkhand News: राज्यसभा चुनाव हार्स ट्रेडिंग केस, DSP की जांच पर सिटी SP ने उठाया सवाल

    By Jagran NewsEdited By: M Ekhlaque
    Updated: Mon, 21 Nov 2022 10:29 PM (IST)

    Jharkhand News राज्यसभा चुनाव 2016 में हार्स ट्रेडिंग की घटना हुई थी। चुनाव आयोग के आदेश पर रांची के जगन्नाथपुर थाने में वर्ष 2018 में प्राथमिकी दर्ज ...और पढ़ें

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    Jharkhand News: झारखंड में राज्यसभा चुनाव के दौरान हार्स ट्रेडिंग की बात सामने आई थी।

    रांची, राज्य ब्यूरो। राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में रांची के जगन्नाथपुर थाने में वर्ष 2018 में दर्ज प्राथमिकी के अनुसंधानकर्ता डीएसपी हटिया के अनुसंधान पर तत्कालीन एसपी सिटी अंशुमान कुमार ने सवाल उठाया है। उन्होंने अपनी पर्यवेक्षण टिप्पणी में लिखा है कि निर्देशित बिंदुओं को नजरअंदाज कर अनुसंधान करना कहीं न कहीं जांच को बंद करने का प्रयास है।

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    उन्होंने 17 नवंबर 2022 को अपनी पर्यवेक्षण टिप्पणी में लिखा है कि अनुसंधानकर्ता डीएसपी राजा कुमार मित्रा ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला गांधीनगर से प्राप्त जांच रिपोर्ट के दो बिंदुओं का जिक्र भी नहीं किया और न हीं बरामद आडियो का ट्रांसक्रिप्ट बनाया।

    जिस फोन में बातचीत रिकार्ड किया गया था, उसके मिटाए गए डेटा की एक डीवीडी बनाकर केंद्रीय विधिविज्ञान प्रयोगशाला गांधीनगर से भेजी गई थी, लेकिन अनुसंधानकर्ता ने उसका अध्ययन भी नहीं किया और लिख दिया है कि बरामद मोबाइल फोन विषयांकित कांड से संबंधित नहीं है, और इन परिस्थितियों में लगाये गए आरोपों की पुष्टि करना संभव प्रतीत नहीं होता है।

    यह कहीं से भी उचित नहीं है। एसपी सिटी ने डीएसपी को बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद से मिली वीडियो-आडियो क्लिप व सीएफएसएल गुजरात से रिकवर आडियो का ट्रांसक्रिप्ट बनाकर उसकी जांच कराने का निर्देश दिया है। एसपी ने जांच को सही दिशा में ले जाने तथा पहले से जारी रिपोर्ट में दिए गए निर्देशों का पालन कर अद्यतन केस डायरी मांगी है।

    पांच करोड़ व भाजपा में शामिल होने का था आफर

    जगन्नाथपुर थाने में वर्ष 2018 में दर्ज प्राथमिकी में अनुसंधान के दौरान कांग्रेस से बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी व पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने पुलिस की पूछताछ में यह बयान दिया था कि राज्यसभा चुनाव 2016 में मतदान के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास, विशेष शाखा के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता, तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार ने उन्हें एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में मतदान के एवज में पांच करोड़ रुपये का लालच दिया था और भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव भी दिया था। मतदान के लिए आफर व धमकाने संबंधित एक आडियो भी रिकार्ड किया गया था, जिसके बाद ही यह मामला तूल पकड़ा था।

    प्राथमिकी के 3 साल के बाद जुड़ीं पीसी एक्ट धाराएं

    राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग के मामले में रांची के जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (पीसी एक्ट) यानी भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराएं प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के बाद लगाई गईं थीं। रांची पुलिस ने पीसी एक्ट जोड़ने के बाद इसकी लिखित जानकारी न्यायालय को दी थी। धारा जोड़ने के साथ ही इस कांड के अनुसंधान की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर से हटाकर हटिया के डीएसपी को दी गई थी। जिनपर पीसी एक्ट लगा था, उनमें कांड के प्राथमिकी अभियुक्त तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता (वर्तमान में डीजी प्रशिक्षण) व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के सलाहकार अजय कुमार थे। राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाने संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी। भारत निर्वाचन आयोग के आदेश के आलोक में रांची पुलिस ने कानूनी सलाह लेने के बाद राज्य सरकार की अनुमति पर यह कार्रवाई की थी।

    26 माह बाद निलंबन मुक्त हुए थे एडीजी अनुराग गुप्ता

    एडीजी अनुराग गुप्ता लगभग 26 माह बाद निलंबन मुक्त हुए थे। उन्हें राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2020 को निलंबित किया था। उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी हुई थी। विभागीय कार्रवाई में क्लीन चिट मिलने के बाद व सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) के आदेश के बाद राज्य सरकार ने उन्हें नौ मई 2022 को निलंबन मुक्त कर दिया था। उनके खिलाफ राज्यसभा चुनाव 2016 में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को लालच दने और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप था। वर्तमान में अनुराग गुप्ता डीजी प्रशिक्षण हैं।

    चुनाव आयोग के निर्देश पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी

    विशेष शाखा के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता पर वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी को पैसे का लालच देने का आरोप लगा था। भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विकास मोर्चा की शिकायत पर इसकी जांच कराई थी। आयोग ने प्रथम दृष्ट्या आरोप को सही पाते हुए उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।

    हाॅर्स ट्रेडिंग मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) जोड़ने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग का ही था। भारत निर्वाचन आयोग ने सुनवाई के बाद 2017 में ही हाॅर्स ट्रेडिंग मामले में धारा 171बी व 171सी भारतीय दंड विधान के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम भी लगाने का आदेश दिया था।

    तब राज्य में रघुवर दास के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी। उस वक्त सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम लगाने की अनुमति नहीं दी थी। 29 मार्च 2018 को केवल तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता व मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ जमानतीय धारा 171बी व 171सी में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद ही तीनों अभियुक्तों पर पीसी एक्ट लगाया गया है।