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    Jharkhand Politics: धान खरीद मामले में बाबूलाल व इरफान आमने-सामने, मरांडी ने लगाए गंभीर आरोप, इरफान ने बताया बकवास

    By Pradeep Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Tue, 16 Dec 2025 08:28 PM (IST)

    झारखंड में धान अधिप्राप्ति योजना में कथित अनियमितताओं को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर धान खरीद म ...और पढ़ें

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    धान खरीद पर बाबूलाल मरांडी और इरफान अंसारी में आरोप-प्रत्यारोप।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में धान अधिप्राप्ति योजना के तहत गुमला जिला में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर लैम्पस के माध्यम से धान खरीद में हुई गड़बड़ियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। 

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    उन्होंने दोषी पदाधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि पिछले वर्ष गुमला जिला में धान खरीद के दौरान वास्तविक किसानों को लाभ न पहुंचाकर बिचौलियों और परिचित लोगों को फायदा पहुंचाया गया।

    आरोप है कि जिला आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, लैम्पस अध्यक्ष, सचिव तथा राज्य खाद्य निगम में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर की मिलीभगत से ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की भूमि का अंचल स्तर पर सत्यापन किए बिना भुगतान कर दिया गया।

    किसानों की शिकायत के बाद उपायुक्त, गुमला द्वारा गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में भारी अनियमितताओं की पुष्टि की। जांच में यह भी सामने आया कि पालकोट अंचल के विभिन्न लैम्पसों में किसानों की वास्तविक भूमि रकबा से अधिक दिखाकर धान खरीद दर्ज की गई, जिससे प्रति क्विंटल 600 से 700 रुपये तक का गबन हुआ।

    रिपोर्ट में संबंधित पदाधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता बताते हुए निलंबन व कार्रवाई की अनुशंसा की गई, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाने का आरोप लगाया गया है।

    बाबूलाल मरांडी ने मांग की है कि दोषियों को सेवा से बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए तथा चालू वर्ष की धान खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी व्यवस्था लागू की जाए, ताकि वास्तविक किसानों को ही योजना का लाभ मिल सके।

    बाबूलाल अनर्गल आरोप लगाकर चर्चा में रहना चाहते हैं : इरफान

    धान अधिप्राप्ति को लेकर भाजपा द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर खाद्य आपूर्ति मंत्री डा. इरफान अंसारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे गए पत्र को राजनीतिक हताशा का परिणाम बताया।

    डा. अंसारी ने कहा कि झारखंड में भाजपा पूरी तरह दिशाहीन और जनाधार-विहीन हो चुकी है। इसी कारण वह तथ्यों के बिना अनर्गल आरोप लगाकर चर्चा में बने रहना चाहती है।

    इरफान अंसारी ने स्पष्ट किया कि राज्य में चल रही धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, जवाबदेह और किसानों के हित में है। धान खरीद शुरू हुए अभी महज एक दिन ही हुआ है और भाजपा को घोटाला दिखाई देने लगा।

    यह उसकी घबराहट और राजनीतिक दिवालियापन को दर्शाता है। मंत्री ने कहा कि वे स्वयं विभाग की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और किसानों से सीधे संवाद कर रहे हैं।

    उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के नेता किसानों के बीच जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं और कागजी राजनीति कर रहे हैं। धान अधिप्राप्ति की शुरुआत के मौके पर सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था> 

    लेकिन भाजपा का कोई भी नेता किसी क्रय केंद्र पर किसानों का मनोबल बढ़ाने नहीं पहुंचा। झारखंड की जनता अब भाजपा की जनविरोधी सोच और झूठे आरोपों को पहचान चुकी है।

    यदि भाजपा इसी तरह गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी करती रही तो वह एक गंभीर राजनीतिक दल की बजाय हास्य का विषय बनकर रह जाएगी। उन्होंने बाबूलाल मरांडी से संवैधानिक पद की गरिमा और राजनीतिक मर्यादा बनाए रखने की अपील की और दोहराया कि झारखंड सरकार किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी।