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    'लेटर बम' को लेकर भिड़ीं BJP-JMM, शिवराज-हिमंत के खिलाफ प्रधान सचिव की चिट्ठी से गरमाई राजनीति

    Jharkhand Politics झारखंड की राजनीति में विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले ही उबाल आने लगा है। इसी क्रम में प्रदेश की प्रधान सचिव ने लेटर बम फोड़ दिया है। उनकी ओर से चुनाव आयोग को शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ लिखी गई चिट्ठी ने सियासी माहौल को और गरमा दिया है। भाजपा-झामुमो के बीच पहले से जारी जुबानी जंग और तेज हो गई है।

    By Pradeep singh Edited By: Yogesh Sahu Updated: Wed, 11 Sep 2024 09:29 PM (IST)
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    शिवराज-हिमंत के खिलाफ प्रधान सचिव वंदना के पत्र से गरमाई राजनीति

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Politics: झारखंड सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री व भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान तथा असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा के सह चुनाव प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाए जाने के बाद अब इस मुद्दे पर सियासी विवाद बढ़ रहा है।

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    उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने पत्र लिखकर चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि दोनों नेताओं को नियंत्रित किया जाए। दोनों राज्य में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा कर रहे हैं।

    अधिकारियों को भी डर दिखाया जा रहा है और उनका चरित्र हनन किया जा रहा है। इन्हें लेकर राज्य के अधिकारियों में भी चिंता बनी हुई है। सत्तारूढ़ गठबंधन इसे लेकर आक्रामक है तो भाजपा की तरफ से भी पलटवार आरंभ हो गया है।

    अभी राज्य में आचार संहिता नहीं : भाजपा

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 15 सितंबर को झारखंड दौरे के पूर्व इस राजनीतिक विवाद के चरम पर होने की संभावना है। प्रदेश भाजपा ने इसपर राज्य सरकार को निशाने पर लिया है।

    प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को यह पता होना चाहिए कि अभी राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू नहीं है। ऐसे में चुनाव आयोग कोई दिशा-निर्देश नहीं दे सकता।

    उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अधिकारियों का राजनीतिकरण कर रही है। यही वजह है कि अधिकारियों को आगे कर ऐसी कार्रवाई की जा रही है।

    यह ब्यूरोक्रेसी का राजनीतिक दुरुपयोग है। इससे राज्य सरकार की मानसिकता भी स्पष्ट होती है। उन्होंने पूरे पत्र को ही सवालों के घेरे में खड़ा किया।

    झामुमो के अपने तर्क, बोली- चुनाव में होती है बांग्लादेश की एंट्री

    दूसरी तरफ, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि जब भाजपा को महसूस होता है कि हमलोग शिकस्त खा जाएंगे तो पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन की एंट्री चुनाव में होती है।

    इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर बांग्लादेश की एंट्री की गई है। पांडेय ने कहा है कि सबको मालूम होगा कि झारखंड राज्य में कोई ऐसी सीमा नहीं है, जो बांग्लादेश से मिलती है।

    आखिरकार किस राज्य की सीमा मिलती है, जिस राज्य के मुख्यमंत्री यहां आकर बांग्लादेशी घुसपैठ बताने का काम करते हैं। अगर बांग्लादेशी घुसपैठिए यहां हैं तो केंद्र सरकार क्या कर रही है?

    जवाब तो केंद्र सरकार को देना चाहिए। भाजपा अफवाह पर ही राजनीति करती है और अफवाह के दम पर लोगों को दिग्भ्रमित करने का ये प्रयास है।

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