Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand Political News: सीएम सोरेन ने बाबूलाल मरांडी को बताया मुखौटा बोले ये लोग कड़वी बात सुनने के आदी नहीं

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Sat, 24 Dec 2022 03:29 PM (IST)

    मुख्यमंत्री ने नौजवानों को भरोसा दिलाया कि उनके लिए रोजगार और स्वरोजगार का हर हाल में रास्ता निकालेंगे। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अपने बयान में उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा बाबू लाल मरांडी को मुखौटा बताते हुए कहा कि ये लोग कड़वी बातें सुनना नहीं चाहते।

    Hero Image
    मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र में विपक्ष पर जमकर बोला हमला।

    रांची, राज्य ब्यूरो: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने युवाओं को भरोसा दिलाया कि उनके लिए रोजगार और स्वरोजगार का हर हाल में रास्ता निकालेंगे। शुक्रवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अपने बयान में उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास ना तो नेता है ना ही मुद्दा। इनसे सहयोग की उम्मीद कैसे करें?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुखौटा हैं बाबूलाल मरांडी

    विपक्ष राजनीतिक अखाड़े में मुकाबला नहीं कर पाया तो इसे दूसरे अखाड़े में ले जाने की तैयारी कर रहा है। इन्होंने नेता विहीन सदन बना रखा है। ये भी इनका षडयंत्र है। एक मुखौटा के रूप में बाबूलाल मरांडी को आगे कर के औपचारिकता निभाई जा रही है। आदिवासी नेता बाबूलाल के ट्विटर से संदेश दिया जा रहा है। इनको लगता है कि आदिवासियों को साथ जोड़ लेंगे। इनकी चिकनी-चुपड़ी बातों में अब आदिवासी नहीं आएंगे। इनकी चतुराई को अब सभी समझने लगे हैं।

    ये कड़वी बातें सुनने के आदी नहीं 

    मुख्यमंत्री का भाषण शुरू होने के पहले ही भाजपा विधायकों द्वारा सदन का बहिष्कार करने पर हेमंत ने चुटकी लेते हुए कहा कि ये कड़वी बात सुनने के आदी नहीं हैं। 20 सालों तक इन्होंने मखमल की खाट पर वक्त गुजारा है। बीमारी, भुखमरी, गरीबी की मार क्या होती है, इन्होंने झेला नहीं। इनके शासनकाल में भात-भात करते मौत हुई। 20 सालों में माब लिंचिंग की घटनाएं हुई।

    दिखावा कर रहा है विपक्ष

    विपक्ष दिखावा कुछ कर रहा है और कर कुछ और रहा है। ये सरना-सनातन धर्म सम्मेलन तो कर रहे हैं और अदिवासियों-मूलवासियों को माला पहनाकर स्वागत भी कर रहे हैं, लेकिन सरना धर्म कोड पर केंद्र से मुहर नहीं लगवा पा रहे हैं। आदिवासियों के हक में लाई गई नियाेजन नीति को भाजपा का वरिष्ठ नेता व यूपी-बिहार के 20 लोग रद कराने के लिए कोर्ट पहुंच जाते हैं

    इन पर है हमारी कड़ी नजर

    मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने यूएन में कहा है कि कोई आदिवासी नहीं है, सब हिंदू हैं। भील को भी कहते हैं कि उनकी भाषा संस्कृत से मिलती है। आदिवासी, दलित इनके चारा हो गए हैं। कभी हिंदू मुस्लिम करा दो, कभी अगड़ा पिछड़ा करा दो, कभी एनआरसी करा दो। इनपर हमारी कड़ी नजर है। भाषा का महत्व ग्रामीण क्षेत्र में जाने से पता चलता है। ग्रामीण महिला सिर्फ संथाली, हो, खोरठा जानती हैं। कोई बाहर का अफसर जाएगा तो क्या समझेगा, क्या नीति बनाएगा। इन लोगों ने स्थानीय भाषा को शामिल किया, लेकिन उसके नंबर नहीं जुड़ते थे

    रेलवे से हुआ अवैध माइनिंग, हमने पत्र लिखा तो इंट्रीगेशन किया

    सीएम ने कहा कि उन्होंने कोयला मंत्री को बोला था कि यहां की खनिज संपदा का रेल से परिचालन हो रहा था, जिसमे बगैर चालान ट्रांसपोर्टेशन हुआ। झारखंड सरकार ने अवैध परिचालन रोकने के लिए साफ्टवेयर बनाया, लौह तस्करी रोकी गई, लेकिन कोयला, पत्थर को इससे नहीं जोड़ा गया। अब ये लोग हजार करोड़ की अवैध माइनिंग की बात करते हैं। राज्य सरकार रेलवे से खनिज संपदाओं के परिचालन वैध या अवैध के गठन के लिए एसआइटी बनाएगी। पत्र लिखने के बाद इंटीग्रेशन किया, क्यों वर्षों तक ऐसा नहीं हुआ।

    यह भी पढ़ें: Jharkhand: बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआइ ने देश के 16 ठिकानों पर की छापेमारी, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद

    comedy show banner
    comedy show banner