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Jharkhand राज्य में राजनीतिक गतिविधियों को और तेज करेगी भाजपा, अमित शाह करेंगे हर जिले का दौरा

झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी तेज होने वाली है। भाजपा ने राज्य में गतिविधियों को बढ़ाने का निर्णय किया है। सुनील बंसल के झारखंड दौरे के बाद अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह झारखंड का दौरा कर आने चुनावों के लिए पार्टी की प्रदेश ईकाई को जीत का मंत्र देने वाले हैं

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiPublished: Fri, 30 Dec 2022 07:44 PM (IST)Updated: Fri, 30 Dec 2022 07:44 PM (IST)
अमित शाह का मिशन झारखंड, नए सिरे से करेंगे उत्साह का संचार।

रांची, राज्य ब्यूरो: झारखंड में नए सिरे से राजनीतिक सरगर्मी तेज होगी। भाजपा आलाकमान ने राज्य में गतिविधियां बढ़ाने का निर्णय किया है। इसी कड़ी में हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल राज्य के दौरे पर आए थे। उन्होंने अपने प्रवास के क्रम में कई वरीय नेताओं से विचार-विमर्श किया। समाज के विभिन्न तबके के प्रबुद्ध लोगों से मुलाकात कर राज्य से संबंधित जानकारी ली। संगठन को धार देने के लिए टिप्स भी दिए।

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चाईबासा से करेंगे शुरुवात

अब पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस प्रक्रिया को और आगे बढ़ाएंगे। उनका दौरा सात जनवरी को प्रस्तावित है। राज्य में चुनावी अभियान आरंभ करने के लिए उन्होंने कोल्हान प्रमंडल के मुख्यालय चाईबासा को चुना है।

तय कार्यक्रम के मुताबिक वे वहां प्रदेश स्तर के वरिष्ठ नेताओं संग बैठक कर दिशानिर्देश देंगे। इसमें प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, संगठन महामंत्री नागेंद्रनाथ त्रिपाठी भाग लेंगे। वे पार्टी की चाईबासा जिला समिति के नेताओं संग भी बैठक करेंगे। इसमें आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनेगी। प्रदेश नेतृत्व को सुझाव दिया गया है कि मंडल स्तर पर गतिविधियों के साथ-साथ सक्रियता बढ़ाई जाए। बूथ प्रमुखों और पन्ना प्रमुखों को क्रियाशील बनाकर पार्टी चुनावी रणनीति के मुताबिक काम करें।

कोल्हान से ही शुरूआत क्यों?

भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह द्वारा कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय से पार्टी के अभियान की शुरूआत के खास मायने हैं। कोल्हान प्रमंडल की लगभग सभी 14 विधानसभा सीटों पर कभी भाजपा का दबदबा हुआ करता था, लेकिन पिछले चुनाव में पार्टी की स्थिति डांवाडोल हो गई।

कोल्हान प्रमंडल के तीन जिलों पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां में भाजपा का खाता तक नहीं खुला। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को परंपरागत जमशेदपुर पूर्वी सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा। टिकट कटने से नाराज पूर्व मंत्री सरयू राय ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय किया।

पुरानी सीटों पर फिर से काबिज होने की चुनौती

पार्टी के भीतर इसे लेकर मंथन चल रहा है कि इस परिस्थिति में किस प्रकार बदलाव लाया जाए।। इसे लेकर स्पष्ट मत है कि अगर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद गठबंधन को सत्ता से बेदखल करना है तो उन पुरानी सीटों पर फिर से काबिज होना पड़ेगा, जहां से भाजपा के प्रत्याशी पहले जीत दर्ज करते रहे थे। इसके लिए उन तमाम कमियों और खामियों को भी दूर करना पड़ेगा, जो पार्टी की जीत की राह में बाधा हैं।

समय के साथ जो नेता-कार्यकर्ता किसी कारणवश संगठनात्मक गतिविधियों को लेकर शिथिल पड़ गए हैं, उनमें नए सिरे से उत्साह का संचार करना होगा। इसके लिए नेताओं को टास्क सौंपा जाएगा और गतिविधियों को नए सिरे से आरंभ करने की रणनीति बनाई जाएगी।

हर जिले का दौरा करेंगे केंद्रीयमंत्री

राज्य के हर जिले में जल्द ही पार्टी की गतिविधियां तेज होगी। सभी जिलों में अलग-अलग केंद्रीय मंत्री प्रवास करेंगे। इस दौरान कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रणनीति बनाई जाएगी। प्रदेश भाजपा के नेता इससे संबंधित तैयारियों में लगे हैं। प्रवास कार्यक्रमों की सूची आने पर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।


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