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    झारखंड: पुलिसकर्मियों ने लगाया काला बिल्‍ला, डीजीपी से बात भी बेअसर

    By Alok ShahiEdited By:
    Updated: Tue, 12 Feb 2019 12:09 PM (IST)

    Jharkhand Police Protest. झारखंड के 70 हजार पुलिसकर्मी-पदाधिकारी सात सूत्री मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार से काला बिल्ला लगाकर पुलिसवाले विरोध जता रहे हैं।

    झारखंड: पुलिसकर्मियों ने लगाया काला बिल्‍ला, डीजीपी से बात भी बेअसर

    रांची, राज्य ब्यूरो। अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन की घोषणा कर चुके झारखंड पुलिस एसोसिएशन, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन व झारखंड पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ अपनी मांगों पर अडिग हैं। आंदोलन के पहले दिन मंगलवार को उन्‍होंने काला बिल्‍ला लगाकर काम किया। मुख्‍यमंत्री रघुवर दास की सभा में ड्यूटी करने वाले पुलिसवालों ने भी बांह पर काला बिल्‍ला लगाया हुआ है। बीते दिन डीजीपी डीके पांडेय ने तीनों एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से लंबी बातचीत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। तीनों एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने यह घोषणा की कि जब तक उनकी मांगों पर आदेश या अधिसूचना निर्गत नहीं होगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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    तीनों एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने 12 फरवरी से काला बिल्ला लगाकर आंदोलन की शुरूआत की घोषणा कर दी है। राज्य में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी, सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक के 70 हजार पुलिसकर्मी तीन दिनों तक काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी करेंगे। इसके बाद भी उनकी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो द्वितीय चरण में 20 फरवरी को सभी पुलिसकर्मी अपने-अपने मुख्यालय के सामने सामूहिक उपवास पर रहेंगे। इसके बावजूद उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन के तृतीय चरण में 28 फरवरी से चार मार्च तक सभी पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।

    पुलिस मुख्यालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में तीनों संघों के प्रतिनिधियों के अलावा डीजीपी डीके पांडेय, डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू, सभी एडीजी, सभी डीआइजी व गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव इकबाल आलम अंसारी उपस्थित थे। वहीं तीनों संघों के प्रतिनिधियों में झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह, महामंत्री अक्षय राम, उपाध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार, महामंत्री रमेश उरांव, वरीय उपाध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय, झारखंड पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ की अध्यक्ष कुमारी चांदो व महामंत्री सुधीर थापा आदि मौजूद थे।

    आठ घंटे की ड्यूटी का पालन सख्ती से होगा
    राज्य में सिपाहियों से सप्ताह में छह दिन और 24 घंटे में सिर्फ आठ घंटे की ड्यूटी संबंधित आदेश का सख्ती से पालन होगा। जिलों में जो बल उपलब्ध है, उनमें ही शिफ्ट का बंटवारा होगा। पुलिस मुख्यालय अपने आदेश पर अडिग है। यह दावा पुलिस प्रवक्ता आइजी ऑपरेशन आशीष बत्रा ने किया है। उन्होंने बताया कि बल की कमी को दूर करने के लिए लगातार नियुक्तियां हो रही हैं। बहुत हद तक कमियों को दूर कर लिया गया है। फिर भी जिस जिले में जो भी समस्याएं सामने आएंगी, उन्हें दूर कर लिया जाएगा। पुलिस मुख्यालय के सामने उक्त आदेश को लागू करने संबंधित कोई चुनौती नहीं है।

    आइजी आशीष बत्रा ने बताया कि आदेश अनुपालन में थोड़ा वक्त लगता है। शीघ्र ही जिलों में भी नई व्यवस्था दिखेगी। पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य व उनके साथ अमानवीय तरीके से काम लिए जाने के मामले में ही मुशहरी कमेटी ने सिपाहियों के लिए आठ घंटे की ड्यूटी व सप्ताह में छह दिन की नौकरी की अनुशंसा की थी। इसी आदेश के अनुपालन की तैयारी है। दूसरी तरफ पुलिस एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारी इसे महज खानापूर्ति बता चुके हैं। कमेटी की अनुशंसा की अवहेलना न हो, इसलिए आनन-फानन में पुलिस मुख्यालय ने अपना पिंड छुड़ाने के लिए यह आदेश जारी कर दिया है।

    किस मांग पर क्या मिला आश्वासन

    - सीमित सेवा परीक्षा नियमावली से नुकसान की मांग पर विशेष सचिव ने विचार का आश्वासन दिया।

    - 13 माह के वेतन का मामला अंतिम चरण में है, शीघ्र कैबिनेट में भेजने का आश्वासन।

    - सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा पर विचार का आश्वासन।

    - एमएसीपी-एसीपी के मामले में नियुक्ति की तिथि से ही काल गणना के प्रावधान का आश्वासन।

    - शहीद/मृत पुलिसकर्मियों के आश्रित पुत्र के अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने में अधिकतम उम्र सीमा में ढील पर सहमति बनी। नियमावली में संशोधन होगा। मृतक के परिजनों को मिलने वाली राशि से 25 फीसद उसके माता-पिता को देने पर सहमति।

    - नई पेंशन नियमावली की जगह पुरानी नियमावली के मामले में अगर केंद्र विचार करेगी तो राज्य सरकार भी लागू करेगी।

    - चिकित्सा सुविधा वरीय अधिकारियों की तर्ज पर देने संबंधित बातों पर यह सहमति बनी कि सरकार कैशलेस व्यवस्था करने जा रही है।