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    अंतरराज्यीय स्तर पर चल रहे अवैध शराब के कारोबार पर झारखंड पुलिस कसेगी नकेल, संगठित अपराध के तहत करेगी कार्रवाई

    By Dilip KumarEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Thu, 09 Feb 2023 07:35 PM (IST)

    राज्य में अवैध शराब के धंधे को संगठित अपराध की श्रेणी में शामिल कर पुलिस कार्रवाई करेगी। इसमें अवैध शराब के निर्माण भंडारण से लेकर खरीद-बिक्री तक शामिल है। अब पुलिस इस धंधे में गिरफ्तार आरोपी के माध्यम से पूरे नेटवर्क को खंगालेगी।

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    उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के आयुक्त ने सीआइडी को पत्र लिखकर किया अनुरोध

    राज्य ब्यूरो, रांची: राज्य में अवैध शराब के धंधे को संगठित अपराध की श्रेणी में शामिल कर पुलिस कार्रवाई करेगी। इसमें अवैध शराब के निर्माण, भंडारण से लेकर खरीद-बिक्री तक शामिल है। अब पुलिस इस धंधे में गिरफ्तार आरोपी के माध्यम से पूरे नेटवर्क को खंगालेगी। इसमें शराब के धंधे में शामिल सभी आरोपी से लेकर उनके सहयोगियों व पूरे गिरोह तक की कुंडली पुलिस खंगालेगी। अवैध शराब के धंधे से बनाई गई संपत्ति की जब्ती के लिए भी पुलिस पहल करेगी।

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    राज्य को हो रही राजकोषीय क्षति

    उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के उत्पाद आयुक्त ने एडीजी सीआईडी के नाम से पत्राचार कर इस संबंध में अनुरोध किया है। हालांकि, सीआइडी में अभी एडीजी का पद रिक्त है, आइजी सीआइडी ही विभाग को संभाल रहे हैं। आयुक्त उत्पाद ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य में अवैध शराब का व्यवसाय, निर्माण, बिक्री व वितरण होने से राज्य को अत्यधिक राजकोषीय क्षति हो रही है।

    अवैध व्यापार से जहरीली शराब के सेवन की बढ़ी संभावना

    इस अवैध कारोबार से कानून व्यवस्था के प्रभावित होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। शराब के अवैध व्यापार से जहरीली शराब के सेवन की भी संभावना बनी रहती है। यह संगठित ढंग से किया जा रहा है, जिसमें अंतरराज्यीय व अंतर जिला पेशेवर गिरोहों के शामिल होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे गिरोह पर अंकुश लगाने के लिए सशस्त्र एवं सशक्त पुलिस बल की आवश्यकता होती है।

    11 राज्यों में अलर्ट मोट

    शराब की अवैध बिक्री के मामले में राज्य के 11 जिले विशेष रूप से अलर्ट मोड में हैं, जहां अभियान तेज है और आगे भी रहेगा। इन जिलों में रांची, लोहरदगा, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, हजारीबाग, चतरा, धनबाद, लातेहार, सरायकेला व जामताड़ा शामिल हैं।

    अंतरराज्यीय स्तर पर चल रहा अवैध धंधे का कारोबार

    बीते महीने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने पुलिस से समन्वय कर योजनाबद्ध तरीके से अभियान चलाया। अभियान में इस बात का खुलासा हुआ कि अंतरराज्यीय स्तर पर शराब का अवैध धंधा चल रहा है। पड़ोसी राज्य बिहार में जहरीली शराब से 70 से अधिक मौतों के बाद राज्य में अवैध शराब के धंधेबाजों पर कारगर अभियान चलाने के लिए पहली बार आइजी अभियान को नोडल अधिकारी बनाया गया था।

    बड़े पैमाने पर बरामद हुई थी अवैध शराब और स्प्रिट

    पुलिस के साथ मिलकर उत्पाद विभाग ने अभियान चलाया और दस दिनों की छापेमारी में ही कुल 7,257 लीटर अवैध विदेशी एवं देशी शराब तथा 20435 लीटर अवैध स्प्रिट बरामद की। बरामद स्प्रिट से यह अंदाजा लगाया जा चुका है कि इससे 4.65 करोड़ रुपये मूल्य के समतुल्य विदेशी शराब का निर्माण किया जा सकता था।