Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand Police: शादी के दिन ही युवक ने कर ली थी आत्महत्या, पुलिस की जांच में हुआ खुलासा-थानेदार ने पीड़ित के स्वजनों से लिए थे पैसे

    By Prince Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Fri, 05 Dec 2025 03:01 PM (IST)

    रांची के सुखदेव नगर थाने में एक युवक की मौत के मामले में पुलिस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। जांच में थानेदार अशोक कुमार और मुंशी परशुराम पर मृतक के पर ...और पढ़ें

    Hero Image

    शादी के दिन ही युवक ने आत्महत्या कर ली थी।

    जागरण संवाददाता,रांची। रांची के सुखदेव नगर इलाके में एक युवक की मौत के मामले में पुलिस में कथित भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है।

    जांच में पाया गया है कि सुखदेव नगर थाने के तत्कालीन थानेदार अशोक कुमार और मुंशी परशुराम ने मृतक के परिवार से पैसे लिए थे।

    इस मामले की जांच आईजी मनोज कौशिक के नेतृत्व में गठित समिति ने की थी, जिसमें दोनों पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया। डीजीपी तदाशा मिश्र को युवक की मौत के बारे में जानकारी मिली थी तो उन्होंने आइजी मनोज कौशिक को जांच की जिम्मेदारी दी थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घटना किशोरगंज रोड नंबर 5 में हुई थी। नितेश पांडेय नामक युवक, जो रेलवे में कार्यरत था, ने शादी के दिन ही अपने कमरे में आत्महत्या कर ली थी।

    नितेश के भाई नीरज पांडेय ने आरोप लगाया था कि शादी की तैयारियों के बीच एक लड़की ने नितेश पर यौन शोषण का आरोप लगाकर मामला दर्ज करा दिया।

    इसके बाद पुलिस ने बिना पर्याप्त जांच के नितेश को हिरासत में ले लिया। उसके परिवार से वरीय अधिकारियों को प्रभावित करने के नाम पर दस लाख रुपये लिए गए।

    घटना के प्रकाश में आते ही एसएसपी रांची ने आइजी रांची के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से सुखदेव नगर थाना प्रभारी अशोक कुमार और मुंशी परशुराम को पहले ही निलंबित कर दिया था। विभाग की ओर से दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    सेटिंग से बार-बार मुंशी के पद पर तैनात हो जाता है पशुराम

    पशुराम सेटिंग से बार-बार मुंशी के पद पर तैनात हो जाता है। जबकि उसके खिलाफ पहले भी कई आरोप लगे थे। जांच में सामने आया कि रिम्स टीओपी में पदस्थापित रहते हुए और चुटिया थाना में लाइन हाजिर किए जाने के बावजूद, उसे फिर सुखदेव नगर थाना में मुंशी बना दिया गया।

    उसकी लगातार तैनाती में जुगाड़ सिस्टम देखने को मिला। इस मामले ने पुलिस विभाग में तैनाती और पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। दोषियों की भूमिका और ऐसे जुगाड़ की प्रक्रिया की जांच आवश्यक मानी जा रही है।

    रांची में थानों में वर्षों से जमे हैं कई मुंशी

    रांची जिले के कई थाना कार्यालयों में दर्जनों मुंशी पिछले कई वर्षों से स्थायी रूप से जमे हुए हैं। कई थानों में मुंशी राज चलता है। इससे मुकदमे की फाइलों का निपटारा, रिपोर्ट दर्ज करना और अन्य प्रशासनिक कार्य पर सीधा मुंशी हस्ताक्षेप रहता है।