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    Ranchi News: बाप-बेटी को जेल भेजने के मामले में गिरी गाज, थानेदार का तबादला, एक अधिकारी सस्पेंड

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 02:40 AM (IST)

    रांची के नामकुम थाना पुलिस द्वारा एक महिला और उसके पिता को गलत तरीके से जेल भेजने के मामले में झारखंड पुलिस मुख्यालय ने बड़ी कार्रवाई की है। नामकुम थाना प्रभारी का तबादला कर दिया गया है और जांचकर्ता अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। महिला ने ब्लैकमेलिंग और पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया था, जिसके बाद डीजीपी ने सख्त रुख अपनाया। मामले की उच्चस्तरीय जांच जारी है।

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    महिला के ब्लैकमेलिंग के आरोप में पुलिस अधिकारी का निलंबन। सांकेतिक फोटो

    जागरण संवाददाता, रांची। रांची जिले के नामकुम थाना पुलिस द्वारा एक महिला और उसके पिता को कथित रूप से गलत तरीके से जेल भेजने के मामले में झारखंड पुलिस मुख्यालय ने बड़ी कार्रवाई की है।

    पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता के निर्देश पर नामकुम थाना प्रभारी मनोज कुमार का तबादला सिमडेगा कर दिया गया है, जबकि मामले के जांचकर्ता अधिकारी मिथुन कुमार को निलंबित करते हुए चाईबासा जिला भेजा गया है।

    गोंदा थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला खुशी तिवारी, जो वर्तमान में आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं, ने कुछ समय पहले ब्याज पर पैसे लिए थे।

    खुशी का आरोप है कि पैसे देने के बाद प्रियंका नायक और उसके भाई काशीनाथ नायक ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया और काशीनाथ ने जबरन शादी का दबाव बनाते हुए फर्जी शादीनामा बनवाया। इतना ही नहीं, खुशी ने आरोप लगाया है कि काशीनाथ ने उनकी अश्लील तस्वीरें बनाकर ब्लैकमेल भी किया।

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    इस मामले में खुशी ने गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसके बाद काशीनाथ की गिरफ्तारी हुई। लेकिन जेल से छूटने के बाद काशीनाथ फिर से उन्हें धमकाने लगा और अपनी पत्नी के साथ मिलकर नामकुम थाना में खुशी व उनके पिता के खिलाफ एक कथित झूठा केस दर्ज करा दिया।

    पुलिस पर पक्षपात का आरोप

    खुशी तिवारी का आरोप था कि काशीनाथ एक सक्रिय जमीन दलाल है और उसकी स्थानीय पुलिस अधिकारियों से सांठगांठ है। उन्होंने यह भी कहा कि एक वरीय पुलिस अधिकारी भी उन्हें और उनके परिवार को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दे रहे थे।

    मामला जब झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के संज्ञान में आया, तो उन्होंने इस पर सख्त रुख अपनाया। अगस्त माह में ही उन्होंने रांची की तत्कालीन एसएसपी को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जब तक डीआईजी (बजट) संध्या रानी मेहता की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक न तो गोंदा थाना और न ही नामकुम थाना कोई कार्रवाई करे।

    साथ ही नामकुम थाना पुलिस को खुशी तिवारी के घर जाने से भी मना किया गया था। इसके बावजूद, पुलिस ने आदेश की अवहेलना करते हुए खुशी तिवारी और उनके पिता को जेल भेज दिया।

    इस लापरवाही और आदेश उल्लंघन पर डीजीपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नामकुम थानेदार मनोज कुमार का तबादला कर दिया और मिथुन कुमार को निलंबित कर अन्य जिले में भेज दिया।

    झारखंड पुलिस मुख्यालय की ओर से यह संकेत दिए गए हैं कि मामले की उच्चस्तरीय जांच चल रही है और किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।