PM Awas Yojana: झारखंड के लोगों को बड़ा झटका, घटाई गई PM आवास योजना की राशि
केंद्र सरकार ने झारखंड को पठारी क्षेत्र नहीं बल्कि मैदानी क्षेत्र घोषित कर दिया है। इसके चलते प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि में कटौती की गई है। पहले झारखंड के लाभार्थियों को 1.30 लाख रुपये मिलते थे अब यह राशि घटाकर 1.20 लाख रुपये कर दी गई है। इससे लाभार्थियों को आवास निर्माण में परेशानी हो रही है।
शक्ति सिंह, रांची। PM Awas Yojana: केंद्र सरकार के नजरिए से झारखंड पठारी क्षेत्र नहीं, बल्कि एक मैदानी क्षेत्र है। इस दृष्टिकोण की झलक प्रधानमंत्री आवास योजना के वितरण में दिख रही है। पहले झारखंड के लाभुकों को 1.30 लाख रुपये की राशि आवास निर्माण के लिए दी जाती थी, लेकिन अब यह राशि घटाकर 1.20 लाख रुपये कर दी गई है।
पहाड़ी इलाकों को मिलते हैं 1.30 लाख रुपये
जबकि अन्य पहाड़ी क्षेत्रों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर व लद्दाख में यह राशि 1.30 लाख रुपये ही बनी हुई है। इससे झारखंड के लाभुकों को बड़ा झटका लगा है।
यह राशि तीन किस्तों में लाभुकों को दी जाती है। पहली किस्त में 40 हजार रुपये, दूसरी में 75 हजार रुपये, और तीसरी में 5 हजार रुपये है।
राशि के घटने से लाभुकों को हो रही परेशानी
पीएम आवास की राशि में कमी आने से लाभुकों को आवास निर्माण में मुश्किलें हो रही हैं। पहले से ही कम राशि में और 10 हजार रुपये की कटौती से लाभुकों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4.19 लाख पीएम आवास बनाने का लक्ष्य है, जबकि रांची में 32 हजार आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस मामले को प्रशासन और ग्रामीण विकास विभाग ने उठाया है और ग्रामीण विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर पीएम आवास की राशि बढ़ाने का अनुरोध किया है।
अबुआ आवास योजना में लाभुकों को मिलती है दो लाख रुपये की राशि
अबुआ आवास योजना में लाभुकों को चार किस्तों में कुल दो लाख रुपये दी जाती है। इस राशि से पीएम आवास योजना की तुलना में लाभुकों को ज्यादा सहूलियत मिलती है।
दो वित्तीय वर्षों में प्रदेश में करीब साढ़े छह लाख आवास बनाने का लक्ष्य है। अब तक 200 से ज्यादा आवासों में लाभुकों ने गृह प्रवेश कर लिया है, जबकि 1600 आवासों की छत ढलाई पूरी हो चुकी है।
पूर्व में 1.30 लाख रुपये की राशि मिलती थी, अब यह घटकर 1.20 लाख रुपये हो गई है। इस मामले में ग्रामीण विकास विभाग ने मंत्रालय को पत्र लिखा है। ताकि राशि में बढ़ोतरी हो।
दिनेश यादव, डीडीसी, रांची
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