Jharkhand Cabinet: पेसा की आपत्तियां खत्म, आज कैबिनेट में प्रस्ताव आने की उम्मीद
झारखंड विधानसभा में पेसा कानून से जुड़ी आपत्तियों को दूर कर लिया गया है। उम्मीद है कि आज कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इस फ ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, रांची। पंचायती राज विभाग ने पेसा (पंचायत उपबंध,अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम) नियमावली से संबंधित संलेख तैयार कर लिया है और मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को पेश किए जाने की पूरी संभावना है।
नए सिरे से तैयार प्रस्ताव में पूर्व में विभागों की ओर से दर्ज आपत्तियों को दूर कर लिया गया है। कैबिनेट बैठक में इस पर सहमति मिलने की संभावना है। पेसा नियमावली लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और विशेष रूप से महिलाओं के सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में एक दर्जन से अधिक प्रस्तावों पर विचार किया जा सकता है।
संलेख में ग्राम सभा के गठन, बैठकों के आयोजन से संबंधित नियम और इसके तहत देय अधिकारों का विस्तृत विवरण शामिल है। पेसा नियमावली के अनुसार ग्राम सभा का गठन होगा और प्रत्येक माह कम से कम एक बैठक आयोजित की जाएगी।
यह भी तय किया जा रहा है कि ग्राम सभा के दसवें हिस्से या आधे सदस्यों की लिखित मांग पर ग्राम प्रधान को सात दिनों के भीतर बैठक बुलानी होगी। बैठक के लिए कोरम हेतु ग्राम सभा के कुल सदस्यों का एक-तिहाई उपस्थित होना अनिवार्य होगा, जिसमें से एक तिहाई महिलाएं होनी चाहिए। ग्राम सभा की अध्यक्षता परंपरागत रूप से मान्यता प्राप्त ग्राम प्रधान (जैसे मांझी, मुंडा, पाहन, महतो आदि) या उनके द्वारा नामित व्यक्ति करेगा।
प्रमुख आपत्ति और उनका निदान
ग्रामसभा के कोरम को लेकर एक तिहाई की जगह दो तिहाई सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य करने को कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा था। इस मामले में जहां उपलब्धता होगी वहां कोरम के लिए 50 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य किया जा सकता है।
इस पर मुख्यमंत्री को अंतिम निर्णय लेना है। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की भी 50 प्रतिशत कोरम की पक्षधर थीं। मंत्री चमरा लिंडा पेसा के लागू होने से ग्राम सभा की शक्तियां कम होने को लेकर सशंकित थे। नए प्रस्ताव में इसका समाधान भी कर लिया गया है। बताया गया कि ग्राम सभा की शक्तियां कम नहीं होंगी।

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