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    पलामू के नए उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे के सामने जिले की बिगड़ी छवि सुधारने की चुनौती... सकते में पत्थर माफिया

    By Sanjay KumarEdited By:
    Updated: Mon, 11 Jul 2022 09:50 AM (IST)

    Jharkhand News झारखंड के समाज कल्याण विभाग के निदेशक आंजनेयुलू दोड्डे को पलामू का उपायुक्त बनाया गया है। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती आमजनों के बीच जिला प्रशासन की छवि सुधार की होगी। दोड्डे तल्ख तेवर वाले अधिकारी माने जाते हैं। पत्थर माफिया सकते में है।

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    Jharkhand News: पलामू के नए उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे के सामने जिले की बिगड़ी छवि सुधारने की चुनौती।

    मेदिनीनगर (पलामू), जासं। Jharkhand News झारखंड सरकार ने पलामू के उपायुक्त शशि रंजन का तबादला कर रांची नगर निगम का नगर आयुक्त बना दिया गया है। झारखंड के समाज कल्याण विभाग के निदेशक आंजनेयुलू दोड्डे को पलामू का उपायुक्त बनाया गया है। नए उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे मंगलवार की शाम पलामू आएंगे। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती आमजनों के बीच जिला प्रशासन की छवि सुधार की होगी। जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड और अंचल कार्यालयों के अधिकारियों के बीच समन्वय का अभाव है। अनुशासनहीनता का आलम यह कि वरीय अधिकारी को कनीय अधिकारी सुनते नहीं। हर जगह भ्रष्टाचार की कहानी है। यहां तक की सरकारी योजनाओं की राशि लूट में ठेकेदारों से साथ कुछ अधिकारी पार्टनर तक बने हुए हैं। ऐसे में दोड्डे के सामने पलामू को पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती है।

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    पलामू के पूर्व उपायुक्त शशि रंजन।

    पालमू के 101वें उपायुक्त होगें आंजनेयुलू दोड्डे

    यूं तो उपायुक्तों के तबादले के साथ जिला प्रशासन की प्राथमिकताएं भी बदल जाती हैं। हर उपायुक्त अपने तौर-तरीके से शासन करते हैं। जाहिर है पालमू के 101वें उपायुक्त का पदभार ग्रहण करने जा रहे दोड्डे भी अपने अनुसार पलामू को चलाएंगे। लेकिन वर्तमान में जो माहौल है उसमें जिला प्रशासन की बिगड़ी हुई छवि को सुधारना ही सबसे बड़ी चुनौती है। स्टोन माइंस लीज विवाद में उपायुक्त शशि रंजन के घिरने के बाद आम जनता के बीच अच्छा संदेश नहीं गया। जिला प्रशासन ने अपना इकबाल खो दिया है। दूर-दराज और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बीडीओ-सीओ आफिस टाइम में बैठकर मदिरा सेवन करते हैं। इसे लेकर हाल ही में मनातू प्रखंड में जमकर ड्रामा हुआ। एसडीएम आफिस दुकान बन गए हैं। 144 के मामले में पैसा फेंको तमाशा देखो वाली स्थिति है। छत्तरपुर से पीपरा तक खनन माफिया पहाड़ों को लूटने में लगे हैं। इस लूट में जब अधिकारी भी साझेदार हों तो कौन रोकेगा ? उपायुक्त बदले में जाने के बाद सबसे ज्यादा हलचल पत्थर माफिया के बीच में है। अब उनके धंधे का क्या होगा? नए उपायुक्त के रुख पर निर्भर करता है।

    नए उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे।

    तल्ख तेवर वाले अधिकारी माने जाते हैं दोड्डे

    आंजनेयुलू दोड्डे तल्ख तेवर वाले अधिकारी माने जाते हैं। अच्छा काम का प्रदर्शन नहीं करने वाले मातहत अधिकारियों से सख्ती से पेश आते हैं और प्राथमिकता के आधार पर काम करते हैं। उपायुक्त के तौर पर दोड्डे की पहली पोस्टिंग रामगढ़ में रही। यहां रहते हुए दुलमी प्रखंड को राज्य का पहला ओडीएफ प्रखंड बनाया। इसके बाद धनबाद जैसे जिले में तीन साल से ज्यादा समय रहे। केंद्र और राज्य सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को धरातल पर उतारने का मार्ग प्रशस्त किया। सरायकेला-खरसावां का उपायुक्त रह चुके हैं। पलामू में चौथी पोस्टिंग है।

    बता दें कि आंजनेयुलू दोड्डे 2011 बैच के झारखंड कैडर के आइएस अधिकारी है। इनकी उम्र 38 साल है। ये तेलंगाना राज्य के करीमनगर जिले के जम्मीकुंटा के मुल निवासी है। इन्होंने 2005 में कंप्यूटर साइंस बीटेक किया था।