Jharkhand News: RU में शिक्षक नियुक्ति को लेकर मचा बवाल, सड़कों पर उतरे NSUI कार्यकर्ता; लगाए ये गंभीर आरोप
रांची यूनिवर्सिटी द्वारा नीड बेस्ड सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है जिसमें अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है। वहीं एनएसयूआइ ने आरयू में हुई नियुक्ति प्रक्रिया में 97 प्रतिशत राज्य के बाहर के लोगों को नियुक्ति देने का आरोप लगाया है। कार्यकर्ताओं ने नियुक्ति में झारखंड के लोगों को प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड एनएसयूआइ ने विरोध प्रदर्शन करते हुए रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा का पुतला फूंका। इस दौरान मुख्य रूप से राष्ट्रीय संयोजक आरुषि वंदना, प्रदेश उपाध्यक्ष अमन अहमद, प्रदेश महासचिव अभिजीत सिंह, तनु राजपूत, अब्दुल राबनवाज उपस्थित रहे।
UGC की नियमावली के तहत चल रही नियुक्ति की प्रक्रिया
प्रदेश अध्यक्ष विनय उरांव ने कहा वर्तमान में रांची यूनिवर्सिटी द्वारा नीड बेस्ड सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया संचालित है और अभ्यर्थियों का शैक्षणिक दस्तावेज सत्यापन किया जा रहा है।
नियुक्ति में यूजीसी की अर्हता संबंधी नियमावली का अनुसरण किया जा रहा है, जबकि यूजीसी ने स्वयं ही राज्य सरकार एवं राज्य विश्वविद्यालयों से अपनी खुद की नियमावली बनाने के लिए कहा है।
झारखंड लोक सेवा आयोग की नियमावली के आधार पर हो नियुक्ति : विनय उरांव
विनय उरांव ने कहा कि यूजीसी ने कहा है कि अपने राज्य में संचालित विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति के लिए राज्य लोक सेवा आयोग नियुक्ति नियमावली बना सकती है और इसी नियमावली से नियुक्ति की जानी चाहिए। झारखंड लोक सेवा आयोग ने नियुक्ति नियमावली बनाई और अनुसरण के लिए राज्य सरकार को भेज दिया।
वर्तमान में झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का पद रिक्त है और स्थाई नियुक्ति नहीं हो रही है। इसलिए सरकार को अनुबंध आधारित नीड बेस्ड सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति करनी पड़ रही है।
यूनिवर्सिटी राज्य द्वारा निर्मित नियमावली को न मानकर यूजीसी की नियमावली के तहत अनुबंध आधारित नीड बेस्ड सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति राज्य के 8 विश्वविद्यालय में कर रही है।
97 प्रतिशत अभ्यर्थी राज्य के बाहर से
- एनएसयूआइ का आरोप है कि रांची यूनिवर्सिटी में यूजीसी की इस नियमावली से 97 प्रतिशत अभ्यर्थी राज्य से बाहर के हैं, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज का सत्यापन किया जा रहा है।
- इस नियुक्ति में झारखंड के आदिवासी मूलवासी अभ्यर्थी बाहर हो जा रहे हैं, जिसकी चिंता न तो आरयू के पदाधिकारियों को है और न ही यहां के ब्यूरोक्रेसी को है।
नियुक्तियों को रद करने की मांग
राज्य उपाध्यक्ष अमन अहमद ने कहा हमारी मांग है कि झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार नियमावली के तहत ही यह नियुक्ति हो अन्यथा इस नियुक्ति को रद कर दिया जाए। ताकि स्थानीय अभ्यर्थियों को नीड बेस्ड सहायक प्राध्यापक नियुक्ति में उचित अवसर मिल सके।
आरयू द्वारा नीड बेस्ड साक्षात्कार एवं नियुक्ति प्रक्रिया ये दर्शाती है कि उच्च न्यायालय झारखंड की आदेश की अहवेलना की जा रही है।
विरोध प्रदर्शनकारियों में प्रदेश सचिव पवन कुमार, गुलशन सिंह, प्रिंस राज, विश्वजीत, प्रियांशु, अकमल, शाहनवाज, आयुष, आदित्य आदि छात्र शामिल रहे।
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