Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Tribal Advisory Council को लेकर फिर बढ़ा राजभवन और हेमंत सरकार के बीच टकराव

    By Jagran NewsEdited By: Sanjay Kumar
    Updated: Wed, 30 Nov 2022 10:40 AM (IST)

    Jharkhand News जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) को लेकर एक बार फिर राजभवन और झारखंड सरकार में टकराव बढ़ा गया है। राज्यपाल के प्रधान सचिव ने झारखंड सर ...और पढ़ें

    Hero Image
    Jharkhand News: Tribal Advisory Council को लेकर फिर बढ़ा राजभवन और हेमंत सरकार के बीच टकराव।

    रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) को लेकर एक बार फिर राजभवन और झारखंड सरकार में टकराव बढ़ा गया है। नियमावली असंवैधानिक बताने के बावजूद टीएसी की बैठक आयोजित करने तथा इसकी सूचना राजभवन को नहीं देने को राजभवन ने गंभीरता से लिया है। राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने मुख्य सचिव के माध्यम से सरकार से पूछा है कि आखिर राजभवन की आपत्ति पर जवाब दिए बिना किस परिस्थिति में टीएसी की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने इसे संविधान की पांचवीं अनुसूची के प्रविधानों के विरुद्ध बताया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रमेश बैस ने झारखंड सरकार को दिया था संशोधन का निर्देश

    राज्यपाल रमेश बैस ने टीएसी के गठन संबंधित नियमावली को असंवैधानिक बताते हुए उनमें संशोधन के निर्देश झारखंड सरकार को दिए थे। राज्य सरकार ने उसमें कोई संशोधन तो नहीं किया, पिछले दिनों इसकी बैठक भी आयोजित की गई।

    टीएसी के गठन में कम से कम दो सदस्य राजभवन से अनिवार्य

    बता दें कि राज्यपाल ने नियमावली से संबंधित नियमावली मंगाकर उसपर कानूनी सलाह लेने के बाद राज्य सरकार को वापस लौटा दी थी। उन्होंने गठित नियमावली को असंवैधानिक बताते हुए कहा था कि टीएसी के गठन में कम से कम दो सदस्यों का मनोनयन राजभवन से अनिवार्य रूप से हाेना चाहिए। वर्तमान में गठित टीएसी में ऐसा नहीं किया गया। साथ ही पांचवीं अनुसूची के तहत नियमावली पर भी उनकी स्वीकृति जरूरी थी।

    राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के समय से ही चल रहा टीएसी के गठन का विवाद

    राज्य सरकार ने राजभवन की आपत्ति पर कोई जवाब नहीं दिया। टीएसी के गठन का विवाद तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के समय से ही चल रहा है। उन्होंने भी राजभवन से दो सदस्यों के मनोनयन नहीं होने पर सवाल उठाया था। इस बीच राज्य सरकार ने टीएसी के गठन को लेकर नई नियमावली गठित कर दी। साथ ही नई नियमावली की फाइल राजभवन की स्वीकृति के लिए नहीं भेजी गई।

    मुख्यमंत्री की स्वीकृति से ही सदस्यों की नियुक्ति

    नई नियमावली में अब टीएसी के गठन और सदस्याें की नियुक्ति में राजभवन का अधिकार खत्म कर दिया गया है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति से ही सदस्यों की नियुक्ति हो रही है। राज्य सरकार द्वारा कहा गया कि नई नियमावली छत्तीसगढ़ की तर्ज पर बनाई गई जहां सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार मुख्यमंत्री का है। इधर, राज्यपाल रमेश बैस ने टीएसी के गठन में राजभवन का अधिकार खत्म किए जाने की जानकारी तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी दी थी।