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Jharkhand: मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से कोयला चोरी की शिकायतों का सात जिलों के एसपी ने नहीं दिया जवाब, क्या है पूरा मामला?

Jharkhand News मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से निजी पावर प्लांट के लिए कोयला चोरी किए जाने के मामले में मिली शिकायतों पर एडीजी रेल के किसी पत्र का सभी संबंधित सात जिलों के एसपी ने जवाब नहीं दिया। पूरा मामला क्या है जानें...

By JagranEdited By: Sanjay KumarPublished: Wed, 28 Sep 2022 08:31 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 08:32 AM (IST)
Jharkhand: मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से कोयला चोरी की शिकायतों का सात जिलों के एसपी ने नहीं दिया जवाब, क्या है पूरा मामला?
Jharkhand News: मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से कोयला चोरी की शिकायतों का एसपी ने नहीं दिया जवाब।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से निजी पावर प्लांट के लिए चला कोयला रास्ते से गायब किए जाने के मामले में मिली शिकायतों पर एडीजी रेल के किसी पत्र का सभी संबंधित सात जिलों के एसपी ने जवाब नहीं दिया। इसकी पुष्टि एडीजी रेल कार्यालय ने हजारीबाग के बड़कागांव निवासी शनिकांत नामक व्यक्ति को सूचना के अधिकार के तहत दिए अपने जवाब में की है।

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एडीजी रेल ने आठ अक्टूबर 2018 को तत्कालीन एसपी रेल धनबाद आशुतोष शेखर व चार सितंबर 2020 को तत्कालीन एसपी रेल दीपक कुमार सिन्हा ने पत्राचार किया था। जिसकी प्रतिलिपि एसएसपी धनबाद के अलावा चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ व बोकारो के एसपी को दी गई थी। इन्हें दस निजी कोयला परिवहन कंपनियों की सूची दी गई थी, जिनके मालिक, चालक व रेलवे साइडिंग की गतिविधियों की जांच कर अपनी जांच रिपोर्ट एडीजी रेल को देनी थी। चार साल हो गए, लेकिन एडीजी रेल के किसी भी पत्र का जवाब नहीं मिला।

इन निजी कोयला परिवहन कंपनियों की गतिविधियों की होनी थी जांच

आधुनिक, हिंडाल्को, बजाज ग्रुप लेमको ललितपुर, बीकेजी, राहुल कार्बन, नेशनल परिवहन, मां गंगे कोल ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड, पीयूष कोल ट्रेडिंग, गोदावरी, एस केडिया (पतरातू, भुरकुंडा, कटकमसांडी साइडिंग), मां अंबे, बालाजी (पतरातू, बालूमाथ, कटकमसांडी साइडिंग)।

क्या है पूरा मामला...

एडीजी रेल ने अपने पत्र में लिखा था कि विभिन्न स्रोतों से उन्हें जानकारी मिली थी कि आम्रपाली-मगध कोयला परियोजनाओं से विभिन्न निजी पावर कंपनियों को भेजे जाने वाले कोयले रेल साइडिंग में पहुंचने से पहले ही कोयला तस्करी कर विभिन्न मंडियों में पहुंचा दिया जा रहा है। इससे पावर कंपनियों को या तो सही परिमाण में कोयला प्राप्त नहीं हो रहा है या निम्न स्तरीय कोयला उपलब्ध कराया जा रहा है।

यह भी सूचना मिली थी कि निजी पावर कंपनियों के कोयले की ढुलाई कई निजी कोयला परिवहन कंपनियां करती हैं। ये कंपनियां सेल आर्डर के अनुरूप रेलवे साइडिंग पर पूरा कोयला जमा किए ही अनियमित ढंग से रैक पर कोयला लोड करते हैं। संबंधित कोलियरी से पूरा कोयला उठाकर समय पर रेलवे साइडिंग में नहीं लाया जाता है। आवंटित कोयले का कुछ भाग ही साइडिंग पर समय पर आता है।

इतना ही नहीं, उस रैक पर दूसरी कोलियरी का कोयला या चोरी का कोयला लोड कर लिया जाता है, जो निम्न गुणवत्ता का होता है और उसी कोयले को निजी पावर प्लांट को भेजा जाता है।


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