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    Jharkhand News: पुलिस की सख्ती से घट गई सड़क हादसों की संख्या, इन आठ जिलों का प्रदर्शन सबसे शानदार

    By Dilip KumarEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Sun, 26 Nov 2023 01:02 AM (IST)

    पुलिस की सख्ती से राज्य में सड़क हादसों में कमी आई है। आठ जिले ऐसे हैं जहां मोटर वाहन अधिनियम के तहत पुलिस की सख्ती व लोगों में जागरूकता की बदौलत सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई। इन जिलों में चतरा पाकुड़ गोड्डा चाईबासा बोकारो खूंटी कोडरमा व पलामू शामिल हैं। ये जानकारी झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान अध्यक्षता में हुई एक बैठक में सामने आई।

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    पुलिस की सख्ती से घट गई सड़क हादसों की संख्या। (सांकेतिक फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। पुलिस की सख्ती से राज्य में सड़क हादसों में कमी आई है। आठ जिले ऐसे हैं, जहां मोटर वाहन अधिनियम के तहत पुलिस की सख्ती व लोगों में जागरूकता की बदौलत सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई।

    इन जिलों का बेहतर प्रदर्शन रहा।

    इन जिलों में चतरा, पाकुड़, गोड्डा, चाईबासा, बोकारो, खूंटी, कोडरमा व पलामू शामिल हैं। ये जानकारी झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के साथ हुई बैठक में सामने आई हैं।

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    बैठक में सड़क सुरक्षा कोषांग झारखंड के नोडल अधिकारी डीआइजी सुनील भास्कर, पलामू प्रक्षेत्र के आइजी, सभी रेंज डीआइजी, सभी एसएसपी, एसपी, सभी जिलों के डीएसपी यातायात, मुख्यालय शामिल हुए थे।

    बैठक में एडीजी ने वर्ष 2021-22 में जनवरी से सितंबर महीने तक व 2022-23 में जनवरी से सितंबर महीने तक की सड़क दुर्घटनाओं की तुलनात्मक समीक्षा की।

    पाकुड़ जिले में जन सहयोग समिति के सहयोग से जागरूकता अभियान, नो हेलमेट-नो पेट्रोल व सरकारी कर्मियों के लिए भी बिना हेलमेट के आफिस में प्रवेश निषेध जैसे कार्यक्रम कर सड़क हादसों को रोका गया।

    एडीजी ने इसे अन्य जिलों में करने की आवश्यकता बताई। एडीजी ने शादियों के मौसम में प्रत्येक थाना क्षेत्र में आने वाले बारात स्थल पर संबंधित थाना प्रभारी को जाने व वहां के चालकों को बुलाकर रात में सतर्क होकर वाहन चलाने का निर्देश देने के लिए कहा है।

    ब्लैक स्पॉट पर सोलर लाइट लगवाने का निर्देश

    एडीजी ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे स्थलों को चिह्नित करें, जहां अत्याधिक अंधेरा या घुमावदार है। यहां नए ब्लैक स्पाट बन रहे हैं। ऐसे स्थानों पर ज्रेडा, एनजीओ व सीएसआर के माध्यम से आगामी बैठक के पूर्व प्रत्येक जिले में कम से कम चार-चार सोलर लाइट-स्ट्रीट लाइट लगाने का निर्देश दिया है।

    उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि पुलिस पदाधिकारी सड़क दुर्घटना के समय का आकलन कर इस बात की समीक्षा करें कि किस समय ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही हैं।

    उस अवधि में विशेष अभियान चलाकर दुर्घटना को कम करने, चेतावनी संकेतक लगाकर व जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर सड़क दुर्घटना में कमी लाने का प्रयास करने के लिए कहा है।

    पदाधिकारियों ने 9.97 लाख लोगों को किया जागरूक

    झारखंड पुलिस ने पूरे राज्य में सड़क सुरक्षा के प्रति आम लोगों के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया। एक जनवरी से 15 नवंबर के बीच राज्य के कुल 484 थानों के 8390 पदाधिकारियों ने 10509 स्थानों पर यातायात जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान के माध्यम से पुलिस अधिकारियों ने राज्य के नौ लाख 97 हजार 362 लोगों को जागरूक किया।

    11 माह में 31 हजार लोगों ने तोड़ा सिग्नल

    राज्य में एक जनवरी से 15 नवंबर तक मोटर वाहन अधिनियम के तहत सभी जिलों में बड़ी कार्रवाई हुई है। इस 11 महीने में 31 हजार 724 लोगों ने सिग्नल तोड़ा, जिनके विरुद्ध जुर्माने की वसूली हुई।

    राज्य में इस अवधि में बिना हेलमेट के 81 हजार 957 लोग वाहन चलाते पकड़े गए। बिना लाइसेंस के 22 हजार 626 लोग, तेज रफ्तार में वाहन चलाते 8621 लोग व बिना सीट बेल्ट के 19 हजार 856 लोग पड़े गए हैं। मोटरसाइकिल पर बिना हेलमेट के पीछे बैठने वाले 16 हजार 716 लोग पकड़े गए, जिनसे पुलिस ने जुर्माना वसूला।

    (नोट: सड़क दुर्घटना, दुर्घटना में मृत्यु व जख्मी होने संबंधित आंकड़ा जनवरी से सितंबर महीने तक का है।)

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