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    Jharkhand: टेरर फंडिंग केस में नक्सली रवींद्र गंझू से जुड़े ठिकानों पर NIA का छापा, 36 लाख नकदी और मोबाइल किए जब्‍त

    Updated: Wed, 24 Jul 2024 08:10 PM (IST)

    Ranchi News राज्य में टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने मैक्लुस्कीगंज स्थित जितेंद्र नाथ पांडेय एव रोहित यादव के ठिकाने पर छापेमारी की। एनआईए को आशंका है कि ये दोनों कुख्यात नक्सली रवींद्र गंझू से जुड़े हैं। छापेमारी में एनआईए की टीम ने रोहित यादव के मैक्लुस्कीगंज स्थित आवास से 36 लाख 30 हजार रुपये बरामद किए हैं।

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    राज्य में टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने की छापेमारी। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची/मैक्लुस्कीगंज। राज्य में टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों की टीम कुख्यात नक्सली रवींद्र गंझू से जुड़े ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की। यह छापेमारी मैक्लुस्कीगंज स्थित जितेंद्र नाथ पांडेय एव रोहित यादव के ठिकाने पर हुई है।

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    इस छापेमारी में एनआईए की टीम ने रोहित यादव के मैक्लुस्कीगंज स्थित आवास से 36 लाख 30 हजार रुपये बरामद किया है। एनआईए की टीम ने जितेंद्र नाथ पांडेय व रोहित यादव का मोबाइल भी जब्त किया है।

    मिली जानकारी के अनुसार मैकलुस्कीगंज के जितेंद्र नाथ पांडेय और ईंट भट्ठा कारोबारी रोहित यादव के घर और उनके निंद्रा स्थित चिमनी भट्टा पर एनआईए की टीम लगभग सात घंटे तक रही।

    बुधवार की सुबह करीब पांच बजे ही एनआईए की टीम रांची के मैक्लुस्कीगंज व उसके समीप चंदवा थाना क्षेत्र के निंद्रा स्थित ईंट भट्ठा तथा संदिग्धों के आवास पर पहुंच गई थी।

    रवींद्र गंझू पर है 15 लाख का इनाम

    एनआईए को सूचना मिली थी कि ये व्यवसायी कुख्यात नक्सली रवींद्र गंझू के लेवी-रंगदारी के रुपयों का निवेश करते हैं और उसका लाभ रवींद्र गंझू को पहुंचाते हैं। यह भी सूचना थी कि दोनों ही व्यवसायी रवींद्र गंझू के संपर्क में हैं।

    रवींद्र गंझू पर झारखंड सरकार ने 15 लाख का इनाम रखा है। वह माओवादियों का रीजनल कमेटी सदस्य है। एनआईए ने भी उसे फरार घोषित कर रखा है और उसपर पांच लाख रुपये का इनाम रखा है। इस प्रकार रवींद्र गंझू पर 20 लाख रुपये का इनाम है।

    एनआईए उसे एनआईए की रांची शाखा में दर्ज कांड संख्या आरसी-03/2021/एनआईए/आरएनसी में तलाश रही है। यह कांड एक करोड़ के इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरण से जुड़ा हुआ है। उस वक्त गिरफ्तार सुधाकरण के सहयोगी गुमला निवासी प्रभु साव की निशानदेही पर लातेहार के गारू थाना क्षेत्र के रूप पंचायत क्षेत्र से हथियार व नक्सली साहित्य की बरामदगी हुई थी।

    दूसरा मामला फरवरी 2022 में लातेहार-लोहरदगा सीमा पर स्थित बुलबुल जंगल में आपरेशन डबल बुल से संबंधित है। तब पेशरार के जंगल से सुरक्षा बलों ने भारी संख्या में हथियार की बरामदगी की थी।

    इस कांड को एनआईए ने जून 2022 में टेकओवर किया था। इन दोनों ही कांडों की जांच एनआईए कर रही है। इस कांड में भी एनआईए को रवींद्र गंझू की तलाश है। रवींद्र गंझू पर राज्य के विभिन्न थानों में करीब 55 कांड दर्ज हैं।

    छानबीन के क्रम में ही एनआईए ने पूर्व में रवींद्र गंझू के लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के हेसला मौजा के बांझीटोला स्थित आवास को जब्त किया था। एनआईए में जांच में पाया था कि उक्त घर लेवी-रंगदारी के पैसे से बनाए गए थे।

    उसका पूरा नाम मुकेश गंझू उर्फ रवींद्र गंझू उर्फ सुरेंद्र गंझू है। लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के बांझीटोला हेसला में उसका अपना घर है। छापामारी में एनआईए टीम के साथ महिला पुलिस और स्थानीय पुलिस के जवान शामिल थे।

    आरोपित ने कहा- एक-एक पैसे का दे रहे हैं हिसाब

    रुपयों की बरामदगी मामले में व्यवसायी रोहित यादव का कहना था की सारा पैसा कारोबार का है। उनके पास एक-एक पैसे का हिसाब है। उन्होंने एनआईए को भी पैसे का हिसाब दिया, फिर भी जांच एजेंसी सारा पैसा जब्त कर ले गई।

    इधर, जितेंद्रनाथ पांडे का कहना है कि उनका किसी भी नक्सली या अपराधी से किसी तरह का कोई संबंध नहीं है। जांच टीम को उनके घर से किसी तरह का आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली है।

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