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    इस साल झारखंड में कामकाज रहेगा ठप, 6–7 माह आचार संहिता का असर; लोकसभा के बाद इन दो चुनाव की भी तैयारी

    आचार संहिता झारखंड में इस साल विकास से संबंधित सारे कामकाज लगभग ठप रहेंगे क्‍योंकि 6-7 महीने आचार संहिता का ही असर रहेगा। पहले लोकसभा चुनाव के लिए दो महीने से कोई काम नहीं हो रहा है। अब पंचायत और नगर निकाय के चुनाव और विधानसभा का चुनाव होना है। इस दौरान भी आचार संहिता प्रभावी रहेगी। आचार संहिता का असर साल के छह से सात महीने तक होगा।

    By Ashish Jha Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 29 May 2024 08:10 AM (IST)
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    इस वर्ष प्रदेश में कामकाज लगभग ठप रहेगा, 6–7 माह आचार संहिता का असर

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News : चालू वित्तीय वर्ष में झारखंड में कुल मिलाकर विकास कार्यों के लिए 6 से 7 महीने का ही समय मिलेगा। इसका मुख्य कारण है कि विभिन्न चुनावों के कारण आचार संहिता के प्रभाव में विकास कार्य प्रभावित होंगे।

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    एक बार फिर से आचार संहिता होगी प्रभावी

    पहले लोकसभा चुनाव के लिए दो महीने से कोई काम नहीं हो रहा है। इसके कुछ दिनों बाद पंचायती राज के तहत पंचायतों और नगर निकायों के चुनाव की तैयारी चल रही है।

    ये चुनाव हुए तो कम से कम दो महीने आचार संहिता का असर रहेगा ही। साल के अंत तक विधानसभा चुनाव भी कराना है और इस कारण से एक बार फिर आचार संहिता प्रभावी होगी।

    सरकारी खजाने में जमा होंगे विकास कार्य के पैसे

    तीन-तीन चुनावों के कारण आचार संहिता का असर साल के छह से सात महीने तक होगा। इस प्रकार विकास कार्यों के लिए सरकारी एजेंसियों को बमुश्किल छह महीने का समय मिल रहा है। दूसरी ओर, विकास कार्य नहीं होने से खजाने में पैसे जमा होते जा रहे हैं। अगले वर्ष यह राशि सरकार के काम आएगी।

    क्‍या है आचार संहिता

    स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग की तरफ से कुछ नियम बनाए जाते हैं और इन्‍हीं नियमों को आचार संहिता कहा जाता है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान सभी राजनीतिक दलों, नेताओं और सरकार को इन नियमों का खासतौर से पालन करना होता है।  चुनाव आयोग द्वारा चुनावी तारीखों की घोषणा के बाद से ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है और जब तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक यह लागू रहती है। 

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