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    लातेहार में हिंसक प्रदर्शन करने के बाद अपना गांव छोड़कर भागे पुरूष टाना भगत, महिलाओं का क्या है कहना?

    Jharkhand News झारखंड के लातेहार जिले के व्यवहार न्यायालय में 10 अक्टूबर को प्रदर्शन के दौरान टाना भगतों द्वारा पुलिस के साथ किए हिंसक झड़प के बाद अपना गांव छोड़कर भाग गए है। फिलहाल गांव में सिर्फ महिलाएं और बच्चे हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Sanjay KumarUpdated: Sat, 15 Oct 2022 02:29 PM (IST)
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    Jharkhand News: लातेहार में अपना गांव छोड़कर भागे पुरूष टाना भगत, गांव में सिर्फ महिलाएं व बच्चे।

    लातेहार, जासं। Jharkhand News सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले टाना भगतों की ओर से पांच दिनों पूर्व (10 अक्टूबर) लातेहार में किए गए हिंसक प्रदर्शन से इनकी सर्वत्र निंदा हो रही है। लातेहार सदर प्रखंड में टाना भगतों गांव कैमा में निवास करने वाले पुरूष टाना भगत गांव छोड़कर फरार हो गए हैं। गांव में टाना भगत परिवार की महिलाएं और बच्चे ही हैं। हालांकि गांव की दिनचर्या पर इसका कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है। इस गांव में निवास करने वाले टाना भगतों को सरकार की ओर से दूधारू गाय मुहैया कराई गई है। गांव में हर दिन गव्य विकास विभाग की ओर से संचालित दूध का टैंकर दूध की खरीदारी कर वापस लौटता है। वहीं गांव के बच्चे पढ़ाई-लिखाई के लिए रोजाना स्कूल जा रहे हैं।

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    गांव के लोगों ने कहा गलत कार्य के बाद डर तो है लाजमी

    गांव के लोगों ने कहा कि टाना भगतों का इतिहास सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का रहा है। लातेहार में पुलिस पदाधिकारियों पर पथराव से उन्हें घायल करने के कारण लोगों ने साफ तौर पर कहा कि ऐसा कृत्य दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। जब भी कोई गलत कार्य करता है तो बाद में उसे डर लगता है। संभवत: अपनी की हुई गलतियों से बचने के लिए ही टाना भगत गांव छोड़कर फरार हुए हैं। हालांकि उन्हें गिरफ्तार करने आदि कार्यों के लिए लातेहार थाना पुलिस टीम अब तक गांव नहीं गई है।

    10 अक्टूबर को प्रदर्शन के दौरान की तस्वीर।

    टाना भगतों की क्या थी मांग

    हिंसक प्रदर्शनकारी टाना भगतों का कहना था कि लातेहार जिला पांचवीं अनुसूची के तहत आता है। इसलिए कोर्ट और कचहरी अवैध तरीका से संचालित हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी कोर्ट कचहरी बंद करने का नारा लगा रहे थे। कई बार पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। इसके बाद प्रदर्शन ने उग्र रूप धारण कर लिया और पथराव शुरू हो गया।

    228 पर है नामजद प्राथमिकी दर्ज

    व्यवहार न्यायालय लातेहार में टाना भगतों के द्वारा हिंसक प्रदर्शन करने पर लातेहार पुलिस ने 228 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करते हुए 30 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और इसके साथ ही इस मामले में 22 बाइकों को भी जब्त किया गया है।

    गांव में पसरा है सन्नाटा

    सदर प्रखंड के कैमा गांव में 30 टाना भगतों का घर है। लेकिन गांव में एक भी टाना भगत पुरुष दिखाए नहीं दिए। जिससे गांव में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा। अखिल भारतीय टाना भगत संघ के सचिव बहादुर टाना भगत के जेल जाने के बाद इस गांव के एक भी पुरूष टाना भगत गांव में नहीं हैं।

    हिंसक प्रदर्शन के बाद गांव में नहीं पहुंचे एक भी टाना भगत 

    गांव की महिलाएं सुगामनी टाना भगत, बुधनी भगटाइन, जशोदा टाना भगत, चांदनी कुमारी, सुनीता कुमारी, नमिता कुमारी ने बताया कि लातेहार में टाना भगतों के आंदोलन करने के बाद गांव में एक भी टाना भगत वापस नहीं पहुंचे। प्रशासन की ओर से जुबली चौक में सघन चेकिंग अभियान चलाते हुए आने जाने वाले लोगों का आधार कार्ड जांच किया जा रहा है। इस दौरान जिला मुख्यालय में प्रवेश करने से पहले आधार कार्ड की जांच के बाद ही जाने दिया जा रहा है।

    लातेहार पुलिस निरीक्षक ने क्या कहा 

    लातेहार थाना पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता ने कहा कि 10 अक्टूबर को करीब 400 से 500 की संख्या में ग्रामीण हरवे हथियार से लैस होकर व्यवहार न्यायालय लातेहार आ पहुंचे। जिन्हें प्रशासन के द्वारा रोकने और समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन इनके द्वारा पुलिस के उपर जान लेवा हमला करते हुए जिला न्यायाधीश के कार्यालय का मुख्य दरवाजा को तोड़ा गया। इसके साथ ही व्यवहार न्यायालय के मुख्य द्वार में लगे इलेक्ट्रिक जांच गेट भी तोड़ दिया गया। जिससे विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।