Jharkhand CM Hemant Soren: राजधर्म और पुत्रधर्म का संतुलन, सीएम हेमंत सोरेन की दोहरी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पिता शिबू सोरेन के इलाज के लिए दिल्ली में हैं जहां वे अस्पताल में उनकी देखभाल कर रहे हैं। इस दौरान वे इंटरनेट मीडिया और वर्चुअल बैठकों के माध्यम से झारखंड के प्रशासनिक कार्यों पर भी नजर रख रहे हैं और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने भी शिबू सोरेन का हालचाल जाना।
प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक संरक्षक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए 24 जून से दिल्ली में हैं। दिशोम गुरु की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के कारण उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन न केवल अपने पुत्र धर्म का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं, बल्कि झारखंड के राजकाज पर भी पूरी तत्परता से नजर रखे हुए हैं। यह दोहरी जिम्मेदारी का निर्वहन उनकी नेतृत्व क्षमता और जनसेवा के प्रति समर्पण को दर्शाता है। झारखंड आंदोलन के नायक शिबू सोरेन किडनी से संबंधित गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। उनकी देखभाल के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम दिन-रात कार्यरत है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं अस्पताल में मौजूद रहकर पिता के स्वास्थ्य की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और विदेशी चिकित्सकों से भी परामर्श ले रहे हैं। उनकी स्थिति को लेकर झारखंड में जनता के बीच चिंता का माहौल है।
रजरप्पा मंदिर सहित कई स्थानों पर शिबू सोरेन के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान किए जा रहे हैं। हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अस्पताल पहुंचकर शिबू सोरेन के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
प्रशासनिक कार्यों का सुचारू संचालन
इस नाजुक दौर में भी हेमंत सोरेन ने झारखंड के प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दिल्ली में रहते हुए वे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से न केवल उच्च अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं, बल्कि जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान भी सुनिश्चित कर रहे हैं।
अब तक उन्होंने एक दर्जन से अधिक जनशिकायतों का निपटारा किया है, जिनमें स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और दिव्यांगजनों से संबंधित मामले प्रमुख हैं। उदाहरण के तौर पर उन्होंने घायल अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी विमल लकड़ा को बेहतर इलाज और मूकबधिर सौम्या को आवश्यक मशीन उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी से लेकर विभिन्न जिलों के उपायुक्तों तक को एक्स पर टैग कर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की है। उनकी यह डिजिटल सक्रियता झारखंड की राजनीति में एक नई मिसाल कायम कर रही है। उनके ट्विटर हैंडल पर 10.1 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो उन्हें न केवल झारखंड, बल्कि देश के कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तुलना में इंटरनेट मीडिया पर अधिक प्रभावशाली बनाता है।
वर्चुअल समीक्षा बैठकों के जरिए दे रहे निर्देश
प्रशासनिक कार्यों के लिए हेमंत सोरेन ने विशेष बैठकों में अपनी अनुपस्थिति में अन्य अधिकारियों को अधिकृत किया है। उन्होंने मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठकें कीं, जिनमें विधि-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, अवैध खनन और साइबर क्राइम जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
इसके अलावा, उन्होंने नई दिल्ली में नवनिर्मित झारखंड भवन का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के निर्देश दिए। हेमंत सोरेन की यह कार्यशैली उनकी संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा का परिचायक है। एक ओर जहां वे अपने पिता की सेवा में तत्पर हैं, वहीं दूसरी ओर जनता की समस्याओं के प्रति उनकी सजगता उनकी नेतृत्व क्षमता को और मजबूत करती है।
उनके इस संतुलित दृष्टिकोण की सराहना हो रही है और इंटरनेट मीडिया पर उनके समर्थन में कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के स्वास्थ्य में हाल के दिनों में आंशिक सुधार देखा गया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनता से उनके लिए प्रार्थना करने की अपील की है। उनकी इस दोहरी जिम्मेदारी के निर्वहन ने न केवल उनकी छवि को और निखारा है, बल्कि यह भी साबित किया है कि कुशल नेतृत्व कठिन परिस्थितियों में भी रास्ता निकाल लेता है।
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