हजारीबाग में वन भूमि बेचने के मामले पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, अदालत ने नए सिरे से जांच कराने के दिए निर्देश
झारखंड हाईकोर्ट में हजारीबाग में 450 एकड़ वन भूमि को रैयती बनाकर बेचने के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने वन विभाग के प्रधान सचिव ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, रांची: हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने हजारीबाग में 450 एकड़ वन भूमि को रैयती बना कर बेचने के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद अदालत ने मामले में सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
अदालत ने नए सिरे से जांच कराने के दिए निर्देश
अदालत ने वन विभाग के प्रधान सचिव को नए सिरे से जांच करा कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मामले में दस मई को सुनवाई निर्धारित की है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि वन भूमि की बिक्री कैसे की गई।
450 एकड़ वन भूमि को रैयती बता कर दी गई थी बिक्री
इस संबंध में शिवशंकर शर्मा ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि हजारीबाग में 450 एकड़ वन भूमि को रैयती बता कर खरीद-बिक्री की गई है। दो हजार से अधिक लोगों ने जमीन खरीदी है। वन विभाग ने जमीन के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र भी जारी किया था।
वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत का है आरोप
इस काम में वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है। पूर्व में वन विभाग ने इसकी जांच कराई थी और जांच के बाद तृतीय और चतुर्थ वर्ग के तीन कर्मचारियों के खिलाफ सिर्फ प्रपत्र का गठन किया गया।
इसके अलावा किसी अन्य पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अदालत से वन भूमि को बेचे जाने की जांच कराने का आग्रह किया गया।

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